कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात 30 प्रतिशत बढ़कर 9598 मिलियन डॉलर पहुंचा

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात 30 प्रतिशत बढ़कर 9598 मिलियन डॉलर पहुंचा

नई दिल्ली,12 सितंबर 2022-वाणिज्यिक आसूचना और सांख्यिकी महानिदेशालय  ( डीजीसीआईएंडएस ) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान पिछले वर्ष की समान अवधि के 7397 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर 9598 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में चालू वित्त वर्ष ( 2022-23 ) के पहले चार महीनों ( अप्रैल-जुलाई ) के दौरान पिछले वर्ष ( 2021-22 ) की समान अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद के 23.56 बिलियन डॉलर का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से 9.59 बिलियन डॉलर पहले ही चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान अर्जित किया जा चुका है।

डीजीसीआईएंडएस द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, ताजे फलों और सब्जियों ने चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई है जबकि प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 51 प्रतिशत ( अप्रैल-जुलाई, 2022 ) की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कराई है। अप्रैल-जुलाई, 2021 में ताजे फलों और सब्जियों का 498 मिलियन डॉलर के बराबर का निर्यात किया गया था जो चालू वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान बढ़कर 517 मिलियन डॉलर हो गया। प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों का निर्यात चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 441 मिलियन डॉलर की तुलना में उछलकर 665 मिलियन डॉलर तक जा पहुंचा।

इसके अतिरिक्त, अनाजों तथा विविध प्रसंस्कृत मदों जैसे प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों ने चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमशः 37.75 प्रतिशत और 35.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई।

वित्त वर्ष 2022-23 के प्रथम चार महीनों के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 29.13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जिसका निर्यात अप्रैल-जुलाई, 2021 के 1214 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर अप्रैल-जुलाई, 2022 के दौरान 1567 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान 9.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान बढ़कर 2086 मिलियन डॉलर पहुंच गया जबकि पिछले वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान यह 1910 मिलियन डॉलर रहा था।

चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों के दौरान, मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात 11.69 प्रतिशत बढ़ा और अन्य अनाजों के निर्यात ने 22.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई। केवल डेयरी उत्पादों के निर्यात ने ही चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान 61.91 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज कराई जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 153 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर 247 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

अन्य अनाजों का निर्यात अप्रैल-जुलाई 2021 के 334 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर अप्रैल-जुलाई 2021 के दौरान 408 मिलियन डॉलर हो गया और पशुधन उत्पादों का निर्यात अप्रैल-जुलाई 2021 के 1279 मिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान 1428 मिलियन डॉलर हो गया।

डीजीसीआईएंडएस द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, देश के कृषि उत्पादों के निर्यात में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 19.92 प्रतिशत की बढोतरी हुई थी जो 50.21 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह वृद्धि दर विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह वित्त वर्ष 2021-22 के अर्जित  41.87 बिलियन डॉलर की तुलना में 17.66 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है और इसे उच्च माल भाड़े तथा कंटेनर की कमी के रूप में लॉजिस्ट्क्सि की अभूतपूर्व चुनौती के बावजूद हासिल किया गया है।

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का 25.6 बिलियन डॉलर मूल्य के बराबर का निर्यात  किया गया था जो 50 बिलियन डॉलर से अधिक के भारत के कुल कृषि वस्तु निर्यात का लगभग 51 प्रतिशत  है।

कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों के आयोजन, भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी द्वारा उत्पाद विशिष्ट तथा सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करने जैसे कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात संवर्धन के लिए की गई विभिन्न पहलों का परिणाम रही है।

संयुक्त अरब अमीरात के साथ कृषि और खाद्य उत्पादों पर और अमेरिका के साथ हस्तशिल्प सहित जीआई उत्पादों पर वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन करके भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेतक ( जीआई ) वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी कई पहल की गई है।

भारतीय वाइन को बढ़ावा देने के लिए, एपीडा ने 7-9 जून, 2022 के दौरान आयोजित लंदन वाइन मेले में 10 वाइन निर्यातकों की भागीदारी की सुविधा प्रदान की। पूर्वात्तर के राज्यों से प्राकृतिक, जैविक और जीआई-एग्रो उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में, असम के गुवाहाटी में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया।

संघ शासित प्रदेश लद्वाख के सहयोग से, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत एपीडा ने हाल ही में, एक अंतरराष्ट्रीय क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया जिसका उद्देश्य खुबानी तथा लद्वाख के अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना था। संघ शासित प्रदेश लद्दाख तथा जम्मू एवं कश्मीर के 18 उद्यमियों ने खुबानी तथा अन्य कृषि उत्पादों का एक किस्में प्रदर्शित की। भारत, अमेरिका, बांग्ला देश, ओमान, दुबई के 20 क्रेताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

भारतीय आमों के लिए, अंतरराष्ट्रीय बाजारों का पता लगाने के लिए, 13 जून को बहरीन में आठ दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया था। इस शो में, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड तथा ओडिशा सहित पूर्वी राज्यों के आमों की 34 किस्मों को बहरीन के अल जजीरा समूह के सुपरमार्केट में प्रदर्शित किया गया था।

निर्यात किए जाने वाले उत्पादों का निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने एपीडा के माध्यम से उत्पादों एवं निर्यातकों की एक विस्तृत श्रंखला को परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने के लिए देश भर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है। 

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