आंशिक सूर्य ग्रहण मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022 को

आंशिक सूर्य ग्रहण मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022 को

25 अक्टूबर 2022 (3 कार्तिक, शक संवत 1944) को आंशिक सूर्य ग्रहण घटित होगा। भारत में सूर्यास्त के पहले अपराह्न में ग्रहण आरम्भ होगा तथा इसे अधिकांश स्थानों से देखा जा सकेगा। हांलाकि ग्रहण अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह तथा उत्तर-पूर्व भारत के कुछ स्थानों (जिनमें से कुछ के नाम हैं आइजॉल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, इटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामलोंग इत्यादि) से दिखाई नहीं देगा।

ग्रहण का अंत भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि वह सूर्यास्त के उपरांत भी जारी रहेगा।

भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय सूर्य पर चंद्रमा द्वारा आच्छादन लगभग 40 से 50 प्रतिशत के बीच होगा। देश के अन्य हिस्सों में आच्छादन का प्रतिशत उपरोक्त मान से कम होगा।

 दिल्ली एवं मुम्बई में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य के आच्छादन का प्रतिशत क्रमश: 44 प्रतिशत एवं 24 प्रतिशत के लगभग होगा। ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक दिल्ली और मुम्बई में क्रमश: 1 घंटे 13 मिनट तथा 1 घंटे 19 मिनट की होगी। चेन्नई एवं कोलकाता में ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक क्रमश: 31 मिनट तथा 12 मिनट की होगी। ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।

भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में परिलक्षित होगा। अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तथा वे तीनों एक सीध में आ जाते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढक पाती है।

सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आँखों से नहीं देखा जाना चाहिए। चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आँखों से न देखें क्योंकि यह आँखों को स्थाई नुकसान पहुँचा सकता है जिससे अंधापन हो सकता है। सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, 14 नं. शेड के झलाईदार काँच का उपयोग कर अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखना।  

 

Latest News

लाइन लॉस के सरकारी आंकड़े ही बने सरकार पर सवालों की बौछार का कारण लाइन लॉस के सरकारी आंकड़े ही बने सरकार पर सवालों की बौछार का कारण
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजली व्यवस्था की उपलब्धियों पर जारी विज्ञापनों में दिखाए गए आकड़ों को लेकर अब विवाद तेज...
जेब में फिट होने वाला नया सेंसर बताएगा हवा में ज़हर है या नहीं!
भारतीय वैज्ञानिकों ने नैनो तकनीक से बनाई रंग बदलने वाली सामग्री
अब पेंट नहीं, रोशनी से बदलेंगे रंग,भारतीय वैज्ञानिकों की अनोखी खोज
सरकार के विज्ञापन से भड़के बिजली कर्मी
उत्तर प्रदेश में 1500 MWh बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना के लिए SJVN की नीलामी सफल
बिजली क्षेत्र के सरकारी विज्ञापन ने नई बहस को दिया जन्म
सुरक्षित, स्मार्ट और टिकाऊ गलियारों के लिए राष्ट्रीय नवाचार अभियान की शुरुआत - अजय टम्टा
खनन में हरित भविष्य की दिशा में भारत
टाटा पावर की FY26 Q1 में रिकॉर्ड 45,589 रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन