'कोल्ड एज़ मार्बल' अनेक परतों वाले संबंधों की जटिलताओं का ख़ाका पेश करती है

'कोल्ड एज़ मार्बल' अनेक परतों वाले संबंधों की जटिलताओं का ख़ाका पेश करती है

यदि जीवन जटिल है, जैसा कि अक्सर कहा भी जाता है, तो सामाजिक मानदंडों और घायल रिश्तों का आपसी खेल इसे एक अभेद्य दलदल बना सकता है। भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आईएफएफआई के 53 वें संस्करण में भाग लेने वाले महोत्सव के प्रतिनिधियों को 'कोल्ड एज़ मार्बल' के ज़रिए इस कटु स्थिति को पेश किया गया। यह फ़िल्म एक असफल कलाकार, उसकी प्रेमिका और उसके पिता की कहानी है। यह फ़िल्म, जो फेस्टिवल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए गोल्डन पीकॉक अवार्ड की दावेदार है, का निर्देशन अजरबैजान के फिल्म निर्माता आसिफ रुस्तमोव ने किया है।

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फ़िल्म का नायक अकबर एक नीरस जीवन के ठंडेपन से गुज़र रहा था, जब अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव, मोड़ और तनावों के सिलसिले ने उसको घेर लिया, जिससे उसका जीवन उल्टा पुल्टा हो जाता है, और एक समय यह स्थिति अत्यधिक खतरनाक और निराशाजनक रूप से जटिल परिस्थितियां पेश करती हैं।

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अकबर के पिता, जो अपनी मां की हत्या के लिए 10 साल की सजा काटने के लिए जेल में थे, एक अवांछित वापसी करते हैं, जिससे अकबर को अपने तेज़ी से तब्दील होते जीवन की जटिलता आयामों से संतुलन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है । एक ओर वह यह जानना चाहता है कि उसके पिता ने उसकी माँ, जिसे अकबर बेहद प्यार करता था, को क्यों मारा, वहीं दूसरी ओर, उसके पिता अपने बेटे के जीवन को सबसे चरम तरीक़े अपनाकर बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं।

सिनेमैटोग्राफर ओकटे नमाजोव ने आज गोवा में आयोजित आईएफएफआई टेबल टॉक्स/प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्सव के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए फिल्म पर अपने विचार साझा किए।

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ओकटे नामजोव ने कहा कि फिल्म एक रूढ़िवादी समाज में रिश्तों की जटिलताओं को चित्रित करने की कोशिश करती है। "यह एक साधारण फिल्म है लेकिन पात्रों की गहरी परतें हैं जो इसे और अधिक पेचीदा और दिलचस्प बनाती हैं। यह फिल्म एक त्रिकोणीय संबंध पर आधारित है और एक रूढ़िवादी समाज का अस्वास्थ्यकर व्यवहार के कारण जो जटिलताएं जीवन इन संबंधों के समक्ष पेश करता है, उनके बारे में है।

बातचीत में प्रेमिका की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री नतावन अब्बासली भी उपस्थित थी।

सिनेमैटोग्राफर ने आईएफएफआई 53 में भारी संख्या में मौजूदगी के बीच फ़िल्म की स्क्रीनिंग पर अपनी खुशी व्यवक्त की । साथ ही, उन्होंने अजरबैजान के सिनेमाघरों में फिल्म की रिलीज को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की । उनके अनुसार फिल्म में कुछ अंतरंग दृश्य हैं जो उनके देश में बनने वाली फिल्मों में सामान्य नहीं हैं । "इस प्रकार हम इसे वहां प्रदर्शित करने के लिए मुश्किल वक़्त का सामना कर रहे हैं, लेकिन हम आशान्वित हैं।"

 

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मानवीय रिश्तों की जटिल स्थितियों के जाल का अनुभव करने के लिए ख़ुद को बने रहने वाले घावों, विश्वासघात, अधूरी इच्छाओं और पीड़ाओं के भावनात्मक प्रस्तुतिकरण में डुबो दें।

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फिल्म के बारे में

निर्देशक: आसिफ रुस्तमोव

निर्माता: बालाकिशी गैसिमोव, ओरमन अलीयेव, फ़रीज़ अहमदोव और गुइल्यूम डी सेइल

पटकथा: रूलोफ जैन मिनेबू, आसिफ रुस्तमोव

सिनेमैटोग्राफर: ओकटे नमाज़ोव और आदिल अब्बासोव

एडिटर: रज़ा असगरोव

कास्ट: गुरबन इस्मायिलोव, एलशान असगरोव, नतावन अब्बास्ली

निर्देशक आसिफ रुस्तमोव (जन्म 1975 बाकू, अज़रबैजान) ने अज़रबैजान स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ कल्चर एंड आर्ट (2000-2004) में सिनेमा का अध्ययन किया। उनकी फिल्मोग्राफी में लघु फिल्में और वृत्तचित्र शामिल हैं, जिन्हें कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों में सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपनी पहली फीचर 'डाउन द रिवर' (2014) बनाई, जिसका प्रीमियर कार्लोवी वैरी में हुआ, जिसने अनेक उत्सवों में भाग लिया और कई पुरस्कार जीते। वह फिल्म पत्रिका 'फोकस' के संपादकों में से एक हैं।

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