ओबरा सी की पहली इकाई में बॉयलर लाइटप में मिली सफलता
लखनऊ -निर्माणाधीन 2x660 मेगावाट ओबरा सी तापीय परियोजना के प्रथम इकाई के बॉयलर का 27 अप्रैल 18:27 पर सफलतापूर्वक प्रारंभिक लाइट अप किया गया है।दिसंबर 2016 से ओबरा सी का निर्माण कार्य चल रहा है। तय समय के तहत मार्च 2021 में पहली इकाई को सिंक्रोनाइज किया जाना था। जिसमे डेढ़ वर्ष से ज्यादा की देरी हो चुकी है। परियोजना के मुख्य महाप्रबन्धक इ.दीपक कुमार सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे। दरअसल ओबरा सी की पहली इकाई से 31 दिसम्बर 2022 तक कमर्शियल उत्पादन शुरू हो जाएगा। पिछले काफी दिनों से ओबरा सी में बॉयलर परीक्षण का कार्य जारी था। 660 मेगावाट की पहली इकाई के बॉयलर लाइटप के लिए तमाम तकनीकी परीक्षण किये जा रहे थे ।सम्भावना है कि मानसून सत्र के अंत तक इकाई को सिंक्रोनाइज करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।ओबरा सी की दूसरी इकाई से वर्ष 2023 के अंत तक उत्पादन शुरू होने की सम्भावना है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम 660 मेगावाट की कुल 10 इकाइयों की स्थापना पर काम कर रहा है।जिसमे छह इकाइयाँ उत्पादन निगम की परियोजनाओं में तथा चार इकाइयाँ संयुक्त उपक्रम के तहत लगाई जा रही है।इन इकाइयों के स्थापना से प्रदेश को कुल 6225 मेगावाट बिजली मिलेगी।
ओबरा सी के अन्य हिस्सों में तेजी
ओबरा सी के अन्य तकनीकी हिस्सों में भी निर्माण कार्यों में तेजी दिख रही है। 275 मीटर ऊँची चिमनी के 269.48 मीटर कंक्रीट के बाहरी आवरण को तैयार करने में पिछले वर्ष ही सफलता मिली थी। अब चिमनी के बाहरी हिस्से की पेंटिंग जारी है। इससे पहले अगस्त 2021 में 660 मेगावाट वाली दोनों इकाइयों के स्टार्टअप पावर हेतु ओबरा परियोजना के ब ताप गृह के स्विच यार्ड से नवनिर्मित 400 केवी पारेषण लाइन को सफलतापूर्वक चार्ज कर दिया गया था। स्टार्टअप पावर हेतु पारेषण लाइन का निर्माण उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन द्वारा किया गया है।इसके अलावा कोल यार्ड,रेल यार्ड,कूलिंग टावर सहित कई हिस्सों में काम तेजी से चल रहा है।