अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थायी समिति की आठवीं बैठक दिल्ली में हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थायी समिति की आठवीं बैठक दिल्ली में हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित

नई दिल्ली-अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्थायी समिति की आठवीं बैठक 6 जून, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने, जो वर्तमान में आईएसए के अध्यक्ष हैं, भारत के विद्युत मंत्री की क्षमता में इस बैठक की अध्यक्षता की। आईएसए एसेम्बली के सह-अध्यक्ष के रूप में फ्रांसीसी गणराज्य बैठक का सह-अध्यक्ष था। सदस्य देशों के कुछ प्रतिनिधि दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से तथा अन्य सदस्य ऑनलाइन इस बैठक में शामिल हुए।

आईएसए स्थायी समिति की आठवीं बैठक में आईएसए सदस्य देशों ने आईएसए की प्रदर्शन परियोजनाओं, आईएसए सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संसाधन केंद्र (एसटीएआर-सी), आईएसए सोलरएक्स स्टार्ट अप चैलेंज, आईएसए स्थायी की नौवीं बैठक के लिए आईएसए सौलर वित्त सुविधा एवं तैयारियां तथा आईएसए एसेम्बली के छठे सत्र के लिए समिति और तैयारियों के बारे में विचार-विमर्श किया गया।

केंद्रीय बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में कहा कि ऊर्जा परिवर्तन की आवश्यकता अब एक सुलझा हुआ प्रश्न बन गया है। आज दुनिया को ऊर्जा परिवर्तन की जरूरत है या नहीं, अब प्रश्न नहीं रह गया है। इसके बजाय प्रश्न यह है कि इसे कैसे और कितनी जल्दी हासिल किया जाए। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में नवीनीकरण ऊर्जा के तेजी से विकास के साथ एक नई वैश्विक ऊर्जा अर्थव्यवस्था उभर रही है।

श्री आर.के. सिंह ने नवीकरणीय ऊर्जा के लिए परिवर्तन के संबंध में दुनिया की उपलब्धि के रूप में सौर ऊर्जा के विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। "ऊर्जा परिवर्तन सौर ऊर्जा के विकास में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। संचयी वैश्विक सौर पीवी क्षमता पिछले दशक से लगभग 942 गीगावॉट तक पहुंच गई है। सौर पीवी बाजार ने 2021 में ~175 गीगावॉट की कुल नई क्षमता स्थापना के साथ अपनी रिकॉर्ड-ब्रेकिंग स्ट्रीक को कायम रखा है। हर वर्ष हो रही प्रगति के साथ सौर ऊर्जा अधिक प्रभावी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन प्रौद्योगिकी बन रही है क्योंकि दुनिया नेट जीरो की दिशा में आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा की यह प्रगति जटिल होने की उम्मीद है क्योंकि सौर पीवी प्रौद्योगिकी को वितरित ऊर्जा क्षेत्र में अधिक अनुप्रयोग प्राप्त हो रहे हैं। सौर पीवी, एग्रो पीवी और फ्लेक्सिबल तथा स्तह एकीकृत सौर सैल के लाभदायक उपयोग के अनुप्रयोग सोलर पीवी प्रौद्योगिकी को तैनात करने के लगातार नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

जलवायु कार्रवाई करने में मानवता के लिए सीमित समय बचा है इस कारण हरित ऊर्जा के लिए अधिक धन की आवश्यकता है: आईएसए अध्यक्ष

उन्होंने कहा कि आईएसए वैश्विक सौर ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने बैंक-ग्राह्य सौर परियोजनाओं के विकास में सहायता प्रदान करने के लिए सौर वित्त सुविधा, वित्तपोषित वाहनों के माध्यम से वित्तपोषण को गति प्रदान करना, सोलरएक्स ग्रांड चैलेंज, विनिर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और निवेशकों तक पहुंच प्रदान करने में मदद के लिए सौर स्टार्टअप्स के इंक्युबेशन में मदद के लिए सोलरएक्स ग्रांड चुनौतियों, विनिर्देशों और मानकों का विकास, परीक्षण के लिए प्रशिक्षण केंद्रों और उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संसाधन केंद्र और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के बारे में सरकार और निजी क्षेत्र की मदद करने के लिए सूचना केंद्र के रूप में सहायता प्रदान करना और विद्युत की वैश्विक पहुंच हासिल करने के लिए वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड पहल सहित आईएसए पहलों द्वारा किए गए योगदान के बारे में भी जानकारी दी।

यह देखते हुए कि आईएसए और सदस्य देशों द्वारा योगदान के अवसरों की वास्तव में कोई सीमा नहीं है आईएसए के अध्यक्ष श्री आरके सिंह ने कहा कि यह संगठन कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन, बैटरी भंडारण, हीटिंग और कूलिंग और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे विविध क्षेत्रों में सौर अनुप्रयोग को कवर करते हुए अपने नौ कार्यक्रमों के माध्यम से एक हरित और अधिक टिकाऊ दुनिया में अपने महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा। ।

श्री आर के सिंह ने कहा कि पर्यावरण के लिए कुछ चुनौतियां ऐसी हैं जो अब बहुत अधिक जरूरी होती जा रही है और इन चुनौतियों से निपटने के लिए मानव जाति के पास अब बहुत सीमित समय है। हम इस चुनौती का तब तक सामना नहीं कर सकते जब तक कि हम कम विकसित देशों को ऊर्जा परिवर्तन करने के लिए उनकी स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच स्थापित करने में मदद नहीं करते। इस तथ्य को दशकों पहले ही मान लिया गया था, लेकिन हम इस बारे में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। दुनिया के लिए नेट जीरो पर पहुंचने का लक्ष्य केवल कुछ देशों के ही नेट जीरो पर पहुंचने से पूरा नही होगा। हमें अपनी अंतरात्मा से यह पूछने की जरूरत है कि क्या हम इस दिशा में उचित प्रयास कर रहे हैं।

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मंत्री महोदय ने सदस्य देशों से कहा कि विश्व में कुछ हरित निधियां स्थापित की गई हैं।  आईएसए को इस हरित फंड से कुछ निधियां सार्वजनिक तरीके से अफ्रीकी देशों में भेजने की जरूरत है। हरित निधियों में योगदान बढ़ाने की भी जरूरत है।

श्री आर के सिंह ने आईएसए सदस्यों द्वारा निभाई गई उनकी भूमिका के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम लगातार परिवर्तन की ओर बढ़ रहे हैं और आईएसए ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में कार्रवाई कर रहा है। हम आने वाले समय में अधिक से अधिक परियोजनाएं शुरू करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि अधिक से अधिक लोगों को विद्युत उपलब्ध हो रही हो और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त न होने वाले लोगों की संख्या में कमी आ रही है।"

सौर ऊर्जा में वैश्विक निवेश को बढ़ाने की दिशा में काम करने की जरूरत: फ्रांस

श्री क्रिसौला ज़ाचारोपोलौ, विकास, फ्रैंकोफोनी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन एसेम्बली के सह-अध्यक्ष इस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने इस बारे में संतोष व्यक्त किया कि अब आईएसए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त एक पूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठन बन गया है। सह-अध्यक्ष ने जी20 अध्यक्षता में भारत के नेतृत्व की सराहना की और एक नए वैश्विक वित्तीय समझौते के लिए सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। फ्रांस ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा की मांग पहले से कहीं अधिक हो गई है और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता है।  नवीकरणीय ऊर्जा को हर जगह बढ़ाने की आवश्यकता है। देश के प्रतिनिधि ने कहा कि सीओपी28 को सफल बनाने के लिए आईएसए की सक्रिय भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि फ्रांस आईएसए के क्षमता निर्माण और सौर ऊर्जा में निवेश बढ़ाने की प्राथमिकताओं का समर्थन करता है।

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सह-अध्यक्ष का संबोधन यहां देखा जा सकता है

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आईएसए के बारे में कुछ जानकारी

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) अपने सदस्य देशों में ऊर्जा की पहुंच, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के साधन के रूप में सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की तैनाती बढ़ाने के लिए एक सहयोगी मंच है। यह 93 सदस्य देशों और 115 हस्ताक्षरकर्ता देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है और पहला अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जिसका भारत में मुख्यालय है।

आईएसए सूर्य द्वारा संचालित लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी ऊर्जा समाधानों को विकसित और तैनात करने का प्रयास करता है ताकि  सदस्य देशों को कम कार्बन विकास गति विकसित करने में मदद मिले। यह संगठन विशेष तौर पर कम विकसित देशों (एलडीसी) और छोटे द्वीप विकासशील देशों (एसआईडीएस) में श्रेणीबद्ध देशों में कार्य करने पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। एक वैश्विक मंच होने के कारण आईएसए की बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ भागीदारी उस परिवर्तन को लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिसे वह दुनिया में आगे बढ़ते हुए देखने के लिए उत्सुक है।

आईएसए अपनी 'टुवर्ड्स 1000' रणनीति से निर्देशित है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश जुटाना है। इसके उद्देश्य में स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का उपयोग करते हुए 1,000 मिलियन लोगों तक ऊर्जा पहुंचाने के साथ-साथ 1,000 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना करना भी है। यह गठबंधन प्रतिवर्ष 1,000 मिलियन टन कार्बनडाइआक्साइड के वैश्विक सौर उत्सर्जन में कमी लाने में भी मदद करेगा।

आईएसए के सदस्य देश नीतियों और विनियमों को लागू करके, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके, सामान्य मानकों पर सहमति व्यक्त करके और निवेश जुटाकर परिवर्तन ला रहे हैं। इस कार्य के माध्यम से, आईएसए ने सौर परियोजनाओं के लिए नए व्यापार मॉडल की पहचान और डिजाइन और परीक्षण किये हैं। इसके अलावा सरकारों को ईज ऑफ डूइंग सोलर एनालिटिक्स और एडवाइजरी के माध्यम से अपने ऊर्जा कानूनों और नीतियों को बनाने में मदद की है। इसने विभिन्न देशों से सौर प्रौद्योगिकी की सामूहिक मांग और लागत कम करने, जोखिमों को कम करने और निजी निवेश के लिए क्षेत्र को अधिक आकर्षक बनाकर वित्त तक पहुंच में सुधार करने, सौर इंजीनियरों और ऊर्जा नीति निर्माताओं के लिए सौर प्रशिक्षण, डेटा और अंतर्दृष्टि तक पहुंच में वृद्धि करने में भी सहायता प्रदान की है।

आईएसए की कल्पना भारत और फ्रांस द्वारा सौर ऊर्जा समाधानों की तैनाती के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ किये गए प्रयासों को संगठित करने के बारे में संयुक्त प्रयास के रूप में की गई थी। 2015 में पेरिस में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पक्षकारों के 21वें सम्मेलन (सीओपी21) के दौरान इसकी परिकल्पना की गई थी। 2020 में इसके फ्रेमवर्क समझौते के संशोधन के साथ, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश अब आईएसए में शामिल होने के पात्र हो गए हैं। इस बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला भी शामिल हुए।

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