यूपी के सोनभद्र में बनेगी देश की सबसे बड़ी पंप भंडारण जलविद्युत परियोजना
पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास
फोटो-सोनभद्र में कैमूर पर्वत
नई दिल्ली-देश में सबसे ज्यादा कोयला आधारित बिजली पैदा करने वाले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद पर पुनः पूरे देश भर की निगाहें हैं। यहाँ से गुजरने वाली सोन नदी के किनारे कैमूर पर्वत की मौजूदगी ने 'पंप भंडारण जलविद्युत परियोजनाओं' के लिए अनुकूल स्थिति बनायी है। अब सोनभद्र में देश की सबसे बड़ी पंप भंडारण जलविद्युत परियोजना की स्थापना के लिए प्रत्यक्ष स्थिति बन गयी है।19 फरवरी को राजधानी लखनऊ में इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
प्रधानमंत्री फरवरी 2023 में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान प्राप्त निवेश प्रस्तावों के चौथे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में पूरे उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की 14000 परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। ये परियोजनाएं विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी एवं आईटीईएस, खाद्य प्रसंस्करण, आवास एवं रियल एस्टेट, आतिथ्य एवं मनोरंजन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।
ग्रीनको इनर्जी बनाएगी सोनभद्र में सबसे बड़ा सयंत्र
देश के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा निर्माताओं में एक ग्रीनको इनर्जी सोनभद्र जिले में 3.66 गीगावॉट क्षमता की पंप भंडारण जलविद्युत परियोजना का निर्माण करेगी। दिसंबर 2023 में नदी घाटी और जलविद्युत परियोजनाओं पर 5वीं विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) की बैठक में सोनभद्र में 3.66 गीगावॉट परियोजना के लिए ग्रीनको एनर्जी का प्रस्ताव पर्यावरण मंजूरी सिफारिश प्राप्त करने वाली सबसे बड़ी परियोजना थी। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बीते जनवरी में ही कुल 11.98 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की क्षमता वाली पंप भंडारण जलविद्युत परियोजनाओं को पर्यावरण से संबंधित हरी झंडी दी थी।इन्ही में ग्रीनको एनर्जी का प्रस्ताव भी शामिल था।
दुर्गम गुरार ग्राम पंचायत में बनने वाली परियोजना की अनुमानित लागत 18416.25 करोड़ रुपये है। कुल 3660 मेगावाट क्षमता वाली परियोजना में 305 मेगावाट की 11 और 152.5 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 22326 मेगावाट -घंटे बिजली पैदा होगी। परियोजना के लिए कुल 699 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। परियोजना का ऊपरी जलाशय समुन्द्र तल से लगभग 640 मीटर की ऊंचाई पर बनेगा। परियोजना के निर्माण में न्यूनतम चार वर्ष का समय लगेगा।
पंप भंडारण जलविद्युत
पंप भंडारण जलविद्युत एक प्रकार का जलविद्युत ऊर्जा भंडारण है जो बिजली उत्पन्न करने के लिए विभिन्न ऊंचाई पर दो जलाशयों में संग्रहित पानी का उपयोग करता है। जब अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होती है, जैसे कि ऑफ-पीक घंटों के दौरान या सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों से, तो इसका उपयोग निचले जलाशय से ऊपरी जलाशय तक पानी पंप करने के लिए किया जाता है। जब बिजली की मांग होती है, तो पानी को ऊपरी जलाशय से वापस निचले जलाशय में छोड़ा जाता है, जो टरबाइनों से होकर गुजरता है जो बिजली पैदा करते हैं।