अत्याधुनिक स्वदेशी अंडरवाटर सेंसर से लैस हैं 'मालपे' और 'मुलकी'
नई दिल्ली- भारतीय नौसेना के लिए मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) परियोजना के चौथे और पांचवें जहाज 'मालपे' और 'मुलकी' का 09 सितंबर, 2024 को जलावतरण किया गया। ये जहाज भारतीय तटीय सुरक्षा और सामरिक क्षमता को और भी मजबूत बनाएंगे।
माहे श्रेणी के एएसडब्लू एसडब्ल्यूसी जहाजों का नाम भारत के सामरिक महत्व के तटीय बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है। इनका उद्देश्य पनडुब्बी रोधी अभियानों को मजबूती देना है। ये जहाज अत्याधुनिक स्वदेशी अंडरवाटर सेंसर से लैस हैं, जो इन्हें तटीय जल में प्रभावी बनाते हैं। इन जहाजों की अधिकतम गति 25 नॉट्स है और ये 1800 नॉटिकल मील तक की सहनशक्ति रखते हैं, जो इन्हें लंबे अभियानों के लिए भी उपयुक्त बनाता है।
इन जहाजों की खासियत यह है कि इनमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को दर्शाता है। इससे न केवल भारत की नौसेना को आधुनिक पनडुब्बी रोधी क्षमताएं प्राप्त होंगी, बल्कि यह देश में रोजगार और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि को भी प्रोत्साहित करेगा।
इन जहाजों का निर्माण और जलावतरण भारतीय रक्षा प्रणाली के स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को सामरिक और आर्थिक दोनों रूप से लाभान्वित करेगा।