पावर कॉर्पोरेशन प्रबन्धन पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का आरोप

झाँसी बिजली पंचायत में निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष का ऐलान

निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

नयी दिल्ली - बिजली के निजीकरण के विरोध में झाँसी में हुई बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मियों को मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मचारी लगातार सुधार में लगे हुए हैं किन्तु पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबन्धन निजीकरण की एकतरफा कार्यवाही कर अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित,  दीपक चक्रवर्ती, सरजू त्रिवेदी  ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि निजीकरण के विरोध में 01 जनवरी को बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बंधेंगे और 01 जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा। झांसी की बिजली पंचायत में उरई, महोबा, ललितपुर, और झांसी के बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं की भारी भीड़ उमड़ी।

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झाँसी की बिजली पंचायत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मी उनके नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं। वर्ष 2016-17 में 41 प्रतिशत हानियां थीं जो वर्ष 2023-24 में घटकर, 17 प्रतिशत हो गई है। बिजली कर्मी अगले एक दो वर्ष में लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्य का अच्छा वातावरण चल रहा था जिसे पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने अचानक निजीकरण की घोषणा कर बिगाड़ दिया है।

संघर्ष समिति ने कहा कि सरकारी विद्युत वितरण निगम घाटा उठाकर लागत से कम मूल्य पर घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली देते हैं। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती हैं। निजीकरण के बाद बिजली की दरों में काफी वृद्धि होती है।बताया कि मुम्बई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपए प्रति यूनिट है जबकि उप्र में सरकारी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें रु 06.50 प्रति यूनिट है। स्पष्ट है कि निजीकरण होते ही एक झटके में बिजली की दरें  तीन गुना बढ़ जाएंगी।

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 उन्होंने कहा कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा तैयार किए गए निजीकरण के मसौदे में पूरे वितरण निगम की समस्त भूमि मात्र 01 रुपए प्रति वर्ष की लीज पर निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार लाखों करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को बिना मूल्यांकन किए कौड़ियों के दाम निजी घरानों को सौंपने की साजिश है।कहा कि मात्र एक रुपए में पूरी जमीन दे देना और बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के दाम परिसंपत्तियों को बेचने की कोशिश एक साजिश है। बिजली कर्मचारियों को विश्वास है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। 05 जनवरी को प्रयागराज में अगली बिजली पंचायत आयोजित की जायेगी।

झांसी बिजली पंचायत में भी यह आरोप लगाया गया कि अपनी विफलता से बौखलाए पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल के प्रबंध निदेशक वीसी के माध्यम से मनमाने ढंग से लोगों को निलंबित और दंडित कर भय का वातावरण बना रहे हैं जो पूरी तरह उकसाने वाला कदम है। यदि इनके मनमाने पन पर अंकुश न लगाया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और गम्भीर परिणाम होंगे।

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