अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ

निजीकरण  के विरोध में उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस

 अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ

नई दिल्ली-लगातार मुनाफे में चल रहे  चंडीगढ़ के विद्युत विभाग को कल रात निजी कंपनी को सौंपने के  निर्णय के विरोध में आज उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों ने समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालय पर विरोध सभा कर काला दिवस मनाया। संघर्ष समिति ने बड़े पैमाने पर संविदा कर्मचारियों की चल रही छटनी और प्रबंधन द्वारा बनाए गए भय के वातावरण में वरिष्ठ अभियंताओं द्वारा लगातार लिए जा रहे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि निजीकरण की चर्चा करके पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है।

संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री द्वारा ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की बैठक में दिए गए बयान, कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था देश में श्रेष्ठतम चल रही है, के मद्दे नजर यह कहा कि जब ऊर्जा मंत्री स्वयम कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में श्रेष्ठतम कार्य चल रहा है तो निजीकरण क्यों ? निजीकरण का फैसला तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में सुधार करने के लिए बिजली कर्मचारी सदैव तत्पर हैं और तैयार है किंतु सुधार के नाम पर निजीकरण किया जाना कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने  बजट भाषण में यह कहा है कि बिजली के क्षेत्र में सुधार के कार्य प्रोत्साहित किए जाए। अतः निजीकरण के नाम पर उप्र के ऊर्जा क्षेत्र में अनावश्यक तौर पर बनाया गया  आद्योगिक अशांति का  वातावरण समाप्त किया जाय और विद्युत वितरण निगमों में कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार किया जाय।

संघर्ष समिति ने कहा कि बेहद अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में अपने को असमर्थ पा रहे हैं और मुख्य अभियंता एवं  अधीक्षण अभियंता स्तर के बहुत वरिष्ठ अभियंता लगातार स्वैच्छिक  सेवा निवृत्ति ले रहे हैं यह बहुत गंभीर सवाल है जिसकी पूरी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण के विरोध में अगले सप्ताह भी बिजली कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन  जारी रहेंगे।

आज वाराणसी, आगरा , कानपुर, लखनऊ , गोरखपुर, आजमगढ़ ,बस्ती, मिर्जापुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, देवीपाटन, बरेली, मुरादाबाद ,सहारनपुर, मुजफ्फरनगर ,मेरठ ,गाजियाबाद, अलीगढ़, एटा ,मथुरा, झांसी, बांदा ,परीक्षा ,हरदुआगंज ,पनकी, ओबरा, अनपरा में विरोध सभा कर चंडीगढ़ के निजीकरण के विरोध में काला दिवस मनाया गया। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को देखते हुए संघर्ष समिति ने प्रयागराज के बिजली कर्मचारियों को किसी भी आंदोलन से 4 फरवरी तक अलग रहने को कहा है।

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वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
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