सोन का पानी गंगा में उफन पड़ा! पटना में बाढ़ का अलर्ट
मध्यप्रदेश के शहडोल स्थित बाणसागर बांध से सोन नदी में छोड़े जा रहे पानी का सीधा असर अब बिहार की राजधानी पटना में देखने को मिल रहा है। सोन नदी से आ रहे भारी पैमाने पर पानी के कारण गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके कारण पटना में बाढ़ की चिंता सताने लगी है। इंद्रपुरी बराज से छोड़े गए पानी से पटना से पूर्व मनेर में सोन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। बाणसागर कके फाटक के शनिवार को भी खुले रहने के कारन फिलहाल पटना में राहत की गुंजाईश कम है।
इंद्रपुरी से निकला 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी
पिछले छह दिनों से बाणसागर के खुले आठ फाटकों के कारण एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी सोन नदी में आ रहा है। इसके अलावा बानस,गोपद, विजुल, रिहन्द, कनहर एवं नार्थ कोयल आदि नदियों से आ रहे पानी के कारण बिहार के रोहतास स्थित इंद्रपुरी बराज पर दबाव बढ़ गया था। जिसके कारण बराज से 18 जुलाई को 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था।
5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी की आवक के कारण पटना से पहले मनेर में सोन नदी ने 19 जुलाई तड़के 5 बजे तक खतरे के निशान 52 मीटर को पार कर गयी थी। शनिवार देर रात 11 बजे तक सोन का जलस्तर 52.32 मीटर दर्ज किया गया है। उधर इंद्रपुरी बराज से शनिवार को जल परवाह को ढाई लाख क्यूसेक से काम कर दिया गया था, लेकिन शनिवार देर रात तक मनेर में सोन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। मनेर में ही सोन नदी गंगा में मिल जाती है।

गंगा खतरे के निशान से ऊपर
पटना के दीघा घाट एवं गाँधी घाट के अलावा दानापुर में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है। शनिवार दिन में एक बजे दानापुर और दीघाघाट में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था। इसके अलावा गाँधी घाट पर भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। शनिवार देर रात 12 बजे दानापुर में जलस्तर खतरे के निशान 51.2 मीटर के सापेक्ष 51.35 मीटर तथा दीघाघाट में खतरे के निशान 50.45 मीटर के सापेक्ष 50.58 मीटर था। उधर गाँधी घाट पर जलस्तर खतरे के निशान 48.6 मीटर के सापेक्ष 49.17 मीटर था।