प्रदेश की बिजली व्यवस्था को ट्रिपिंग मुक्त बनाने के लिए सख्त निर्देश
यूपीपीसीएल अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने की समीक्षा
प्रदेश में ट्रिपिंग मुक्त और बेहतर बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आज उ.प्र. पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने शक्ति भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशभर के अधिकारियों के साथ व्यापक समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री की मंशा के अनुरूप व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए।
फीडर मैनेजर प्रणाली लागू, तीन माह में होगी समीक्षा
डॉ. गोयल ने सभी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की मानीटरिंग के लिए प्रत्येक फीडर पर फीडर मैनेजर नियुक्त करने का आदेश दिया। इनकी त्रैमासिक समीक्षा अनिवार्य होगी। बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहन और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
ओवरबिलिंग, ट्रिपिंग और अनावश्यक कटौती नहीं होगी बर्दाश्त
उन्होंने साफ कहा कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक बिजली कटौती किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। सभी शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण आवश्यक है। 1912 हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतें लंबित न रहें, इसकी निगरानी मुख्य अभियंता स्तर से नियमित रूप से की जाए।
जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर
UPPCL अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि हर फीडर पर बिजली आपूर्ति, बिलिंग, वसूली और लाइन हानि की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय हो। इनसे संबंधित आंकड़े एक केंद्रीय पोर्टल पर फीडर मैनेजर सहित अपलोड किए जाएं। उन्होंने कहा कि SDO, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता तक के लक्ष्य तय किए जाएं और इनके अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित हो।
लखनऊ और अन्य शहरों में ट्रिपिंग पर सख्त सवाल
उन्होंने लखनऊ सहित अन्य शहरों में गर्मियों में बार-बार हो रही ट्रिपिंग पर गंभीर चिंता जताई। दिल्ली एनपीसीएल की मिसाल देते हुए उन्होंने सवाल किया कि उत्तर प्रदेश में वैसी व्यवस्था क्यों नहीं हो सकती।
सुरक्षा और अनुरक्षण में लापरवाही नहीं चलेगी
मध्यांचल क्षेत्र में सेफ्टी इक्विपमेंट वितरित किए जा चुके हैं। अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि संविदा कर्मचारी इन्हें पहनकर ही कार्य करें। अनुरक्षण कार्य समय पर कराना सुनिश्चित हो ताकि ट्रिपिंग की घटनाएं न हों।
बिलिंग प्रणाली दुरुस्त करें, जन विश्वास न टूटे
डॉ. गोयल ने कहा कि उपभोक्ताओं को हर माह समय पर सही रीडिंग के आधार पर बिल मिलना चाहिए। गलत या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें विभाग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाना अनिवार्य है।
लाइन लॉस घटाने और किसानों के लिए खास योजना
तकनीकी व वाणिज्यिक हानियों को कम करने के लिए ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, कृषि फीडरों के पृथक्करण और किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना से जोड़ने पर जोर दिया गया। सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा।
डॉ. गोयल ने अंत में कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है। अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।