भारत का ऊर्जा भंडारण मिशन: BESS और PSP प्रोजेक्ट्स को 2028 तक शुल्क से राहत

जून 2028 तक BESS और PSP परियोजनाओं को ISTS शुल्क से छूट

ऊर्जा क्षेत्र में भारत सरकार ने भविष्य की बिजली ज़रूरतों और नवीकरणीय स्रोतों के अधिकतम उपयोग के लिए एक ठोस रोडमैप पेश कर दिया है। केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जिनसे देश की ऊर्जा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

इस बैठक में विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, लोकसभा और राज्यसभा की विद्युत परामर्शदात्री समिति के सदस्य, मंत्रालय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के विशेषज्ञ शामिल हुए और भारत के ऊर्जा भंडारण रोडमैप और भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा पर विचार-विमर्श किया।

BESS और PSP परियोजनाओं को जून 2028 तक ISTS शुल्क से पूरी छूट

बैठक में यह ऐलान किया गया कि जून 2028 तक चालू होने वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) परियोजनाओं और इसी अवधि तक निर्माण पूरा करने वाली पंप स्टोरेज परियोजनाओं (PSP) के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (ISTS) शुल्क पूरी तरह माफ कर दिए गए हैं। इससे इन परियोजनाओं को आर्थिक रूप से काफी राहत मिलेगी।

43 GWh BESS परियोजनाओं के लिए 9,160 करोड़ रुपये की VGF सहायता

विद्युत मंत्रालय की व्यवहार्यता अंतर निधि योजना (VGF) के तहत 43 गीगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को समर्थन दिया जा रहा है। यह योजना विश्व स्तर पर BESS को लेकर सबसे बड़े प्रयासों में से एक मानी जा रही है।

PSP की क्षमता 200 GW से अधिक, 8 GW निर्माणाधीन

भारत में हाइड्रो पंप स्टोरेज प्लांट्स (PSPs) की वर्तमान स्थापित क्षमता 6.4 GW है, जबकि 8 GW निर्माणाधीन है और 61 GW योजनाबद्ध चरण में है। इस दिशा में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने PSP परियोजनाओं के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रकोष्ठ की भी स्थापना की है।

2030 से पहले ही 50% गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल

बैठक में राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने घोषणा की कि भारत ने 2030 के लक्ष्य से पहले ही गैर-जीवाश्म स्रोतों से कुल स्थापित विद्युत क्षमता का 50% हासिल कर लिया है।

स्मार्ट मीटरों और ESS की भूमिका पर ज़ोर

बैठक में BESS और VGF योजनाओं के साथ-साथ स्मार्ट मीटरों की प्रशंसा भी की गई, जो घाटे को कम करने और उपभोक्ताओं को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

ऊर्जा की विश्वसनीयता के लिए ESS की रीढ़ बन रही है

राज्य मंत्री ने बताया कि भविष्य की ऊर्जा प्रणाली की रीढ़ ऊर्जा भंडारण प्रणालियां (ESS) होंगी। ESS न केवल उत्पादन, बल्कि पारेषण, वितरण, सहायक सेवाएं और ईवी एकीकरण जैसे क्षेत्रों में भी भूमिका निभाएंगी।

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