प्रत्येक राज्य में परमाणु संयंत्र स्थापना के लिए भूकंपीय मानदंड अनिवार्य
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए सख्त भूकंपीय मानदंडों का पालन अनिवार्य होगा। इसके तहत संयंत्र भूकंपीय क्षेत्र-5 में नहीं होना चाहिए, साथ ही सक्षम भ्रंश से दूरी, पर्याप्त भूमि उपलब्धता, शीतलन जल की व्यवस्था, और नींव की उपयुक्त स्थिति जैसी शर्तें पूरी करनी होंगी।
परमाणु विद्युत परियोजनाओं की निर्माण अवधि को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें लंबे विनिर्माण चक्र वाले उपकरणों की अग्रिम खरीद, मेगा ईपीसी पैकेज, गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (QCBS) पद्धति, तथा उन्नत निर्माण तकनीकों का उपयोग शामिल है।
केंद्र सरकार पहले ही 700 मेगावाट क्षमता वाले 10 स्वदेशी दवाब-भारी जल संयंत्रों की श्रृंखला को मंजूरी दे चुकी है, जो वर्तमान में विभिन्न चरणों में कार्यान्वयन के अधीन हैं। परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। इसे हासिल करने के लिए ‘बेड़ा मोड’ में स्वदेशी संयंत्रों के साथ विदेशी सहयोग से बड़े संयंत्र भी लगाए जाने की योजना है।
राज्य सभा में यह जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में दी।