देश में कुल ऊर्जा उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का योगदान मात्र 3 फीसद

परमाणु रिएक्टर

देश में कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का योगदान फिलहाल लगभग 3 प्रतिशत है। वर्ष 2024-25 में भारत में अनुमानित 1,830 बिलियन यूनिट बिजली उत्पादन के मुकाबले परमाणु ऊर्जा का योगदान लगभग 56.7 बिलियन यूनिट (करीब 3.1 प्रतिशत) रहने का अनुमान है।

सरकार का लक्ष्य है कि परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर कुल बिजली उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया जाए। वर्तमान 8,780 मेगावाट (आरएपीएस-1 के 100 मेगावाट को छोड़कर) क्षमता को कार्यान्वयनाधीन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर 22,380 मेगावाट तक बढ़ाने की योजना है। साथ ही, वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की गई है।

वर्तमान में तमिलनाडु के कुडनकुलम में चार परमाणु ऊर्जा रिएक्टर – केकेएनपीपी 3 और 4 (2x1000 मेगावाट) तथा केकेएनपीपी 5 और 6 (2x1000 मेगावाट) निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, भाविनी तमिलनाडु के कलपक्कम में 500 मेगावाट क्षमता वाला प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR) परियोजना भी स्थापित कर रही है।

देश में 24 परमाणु रिएक्टर सक्रिय

भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम के अंतर्गत वर्तमान में देश में 24 रिएक्टर कार्यरत हैं जिनकी कुल स्थापित क्षमता 8,780 मेगावाट है (आरएपीएस-1 के 100 मेगावाट को छोड़कर, जो लंबे समय से बंद है)। इनमें से चार रिएक्टर – तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन इकाई 1 और 2 (2x160 मेगावाट), मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन इकाई-1 (220 मेगावाट) और कैगा परमाणु ऊर्जा स्टेशन इकाई-1 (220 मेगावाट) – नवीनीकरण और उन्नयन कार्य के लिए परियोजना मोड में हैं, जबकि शेष 20 रिएक्टर संचालन में हैं।

निर्माणाधीन प्रमुख परियोजनाएं

-राजस्थान, रावतभाटा: आरएपीपी-8 (1x700 मेगावाट)

-तमिलनाडु, कुडनकुलम: केकेएनपीपी-3 और 4 (2x1000 मेगावाट), केकेएनपीपी-5 और 6 (2x1000 मेगावाट)

-तमिलनाडु, कलपक्कम: प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR) – 1x500 मेगावाट (भाविनी द्वारा)

-हरियाणा, गोरखपुर: जीएचएवीपी-1 और 2 (2x700 मेगावाट)

पूर्व-परियोजना गतिविधियों के अंतर्गत परियोजनाएं

-कर्नाटक, कैगा: कैगा-5 और 6 (2x700 मेगावाट)

-हरियाणा, गोरखपुर: जीएचएवीपी-3 और 4 (2x700 मेगावाट)

-मध्य प्रदेश, चुटका: चुटका-1 और 2 (2x700 मेगावाट)

-राजस्थान, माही बांसवाड़ा: माही बांसवाड़ा-1 और 2 (2x700 मेगावाट), माही बांसवाड़ा-3 और 4 (2x700 मेगावाट) (अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड को सौंपा गया)

सभी परियोजनाएं पूर्ण होने पर देश की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22,380 मेगावाट हो जाएगी।

राज्यसभा में यह जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में दी।

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