रेलवे की राउंड ट्रिप पैकेज योजना में छूट के साथ कड़े नियम, यात्रियों को हो सकती हैं ये 4 बड़ी परेशानियां

रेलवे ने दिवाली-छठ यात्रियों के लिए राउंड ट्रिप पैकेज लॉन्च किया

दिवाली और छठ के त्योहार पर यात्रियों की भीड़ कम करने और सीट उपलब्धता को संतुलित करने के लिए भारतीय रेलवे ने राउंड ट्रिप पैकेज योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत आने और जाने दोनों टिकट एक साथ बुक करने पर वापसी यात्रा के मूल किराए में 20% की छूट दी जाएगी।
हालांकि, इस योजना में कई सख्त शर्तें भी हैं, जो यात्रियों की लचीलापन कम कर सकती हैं और अचानक यात्रा कार्यक्रम बदलने वालों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती हैं।

योजना के तहत यात्रियों के लिए प्रमुख सीमाएं और संभावित नुकसान
1. लचीलापन खत्म, बदलाव या रद्दीकरण संभव नहीं

इस योजना के तहत बुक की गई टिकटों में यात्रा तारीख, स्टेशन या ट्रेन बदलने की कोई सुविधा नहीं दी जाएगी। रद्दीकरण का विकल्प भी नहीं है। यानी, यदि आपकी यात्रा योजनाएं बदलती हैं, तो आपका पूरा किराया डूब सकता है।

2. एक ही यात्री विवरण अनिवार्य

राउंड ट्रिप पैकेज में आने और जाने दोनों टिकटों पर एक ही यात्री का विवरण होना जरूरी है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने अपने साथ किसी परिवार सदस्य का टिकट बुक कराया है और वापसी यात्रा में उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को लाना चाहते हैं, तो यह संभव नहीं होगा।

3. कुछ लोकप्रिय ट्रेनों में लागू नहीं

यह योजना फ्लेक्सी किराया वाली ट्रेनों पर लागू नहीं होगी। चूंकि फ्लेक्सी किराया आमतौर पर लोकप्रिय और लंबी दूरी की ट्रेनों में लागू होता है, इसलिए इन मार्गों पर यात्रा करने वाले यात्री इस छूट का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

4. दोनों दिशाओं में कन्फर्म टिकट की शर्त

रियायत केवल उन्हीं यात्रियों को मिलेगी जिनके आने और जाने दोनों टिकट कन्फर्म हों। वेटिंग लिस्ट या आरएसी (Reservation Against Cancellation) वाले यात्री इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे।

यात्रियों पर असर

रेलवे का मानना है कि ये शर्तें योजना के दुरुपयोग को रोकेंगी और भीड़ प्रबंधन को प्रभावी बनाएंगी। हालांकि इस योजना से उन यात्रियों को नुकसान हो सकता है जिनकी यात्रा तारीख या कार्यक्रम अंतिम समय में बदल सकता है।
लंबी दूरी और त्योहार के मौसम में यात्रा करने वाले यात्री जहां एक तरफ किराए में छूट का फायदा उठा सकते हैं, वहीं नियमों के चलते उन्हें टिकट बुक करते समय बेहद सतर्क रहना होगा।

यात्रियों को मिलने वाले प्रमुख फायदे
1. आर्थिक लाभ – लंबी दूरी के सफर में बड़ी बचत

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा किराए में सीधी छूट है। वापसी टिकट पर 20% की रियायत मिलने से लंबी दूरी के यात्रियों के लिए हजारों रुपये तक की बचत हो सकती है। त्योहारों के दौरान ट्रेन किराए में आम तौर पर मांग बढ़ने से अतिरिक्त खर्च हो जाता है, लेकिन यह योजना उस बोझ को कम करेगी।

2. परेशानी मुक्त बुकिंग – वेटिंग और आखिरी समय की भीड़ से छुटकारा

अक्सर त्योहारों के समय लौटने की तारीख पर टिकट बुक करना मुश्किल हो जाता है, जिससे यात्री वेटिंग लिस्ट में फंस जाते हैं या महंगे विकल्प चुनने पड़ते हैं। राउंड ट्रिप पैकेज में आने-जाने दोनों टिकट एक साथ बुक होने से यह परेशानी खत्म हो जाएगी और यात्री निश्चिंत होकर यात्रा कर सकेंगे।

3. 60 दिन की ARP से छूट – वापसी टिकट समय से पहले पक्का

रेलवे की सामान्य बुकिंग प्रणाली में 60 दिन पहले टिकट खोलने का नियम है, लेकिन इस योजना में वापसी टिकट के लिए यह शर्त लागू नहीं होगी। इसका मतलब है कि आप अपनी आगे की यात्रा के साथ ही वापसी यात्रा भी पक्की कर सकते हैं, चाहे वापसी की तारीख 60 दिन से ज्यादा दूर ही क्यों न हो।

4. भीड़ नियंत्रण – सीट उपलब्धता में संतुलन

रेलवे का कहना है कि यह योजना ट्रेनों में दोनों दिशाओं में सीटों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित करेगी। आमतौर पर त्योहारों के बाद एक दिशा में भीड़ अधिक हो जाती है, जबकि दूसरी दिशा में सीटें खाली रह जाती हैं। इस पैकेज से उस असंतुलन को कम किया जा सकेगा, जिससे यात्रियों को सीट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

योजना की मुख्य बातें
  • बुकिंग अवधि:

    आगे की यात्रा: 13 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2025 के बीच

    वापसी यात्रा: 17 नवंबर से 1 दिसंबर 2025 के बीच
  • बुकिंग शुरू: 14 अगस्त 2025

वापसी टिकट पर 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि लागू नहीं होगी।योजना सभी श्रेणियों और विशेष ट्रेनों में लागू होगी, लेकिन फ्लेक्सी किराया वाली ट्रेनों में नहीं।दोनों टिकट (आगे और वापसी) एक ही श्रेणी, एक ही स्टेशन जोड़ी और एक ही यात्री विवरण के साथ बुक होने चाहिए।टिकट में संशोधन या रिफंड की अनुमति नहीं होगी।     

रेलवे का मानना है कि यह योजना त्योहारों के दौरान ट्रेनों के दोनों ओर के उपयोग को संतुलित करेगी और भीड़ कम करेगी। हालांकि, यात्रियों को बुकिंग से पहले शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है, ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी न हो।

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