इस मौसम प्रणाली के असर से पूर्वी और मध्य भारत के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात, निचले इलाकों में जलभराव, यातायात में बाधा और नदी-नालों के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है।
पुनः खोलने पड़ सकते हैं रिहन्द और बाणसागर बांध के फाटक
छत्तीसगढ़ में बारिश शुरू होने से रिहन्द में पानी की आवक बढ़ी
By संजय यादव
On
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों से सटे पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से 13 से 17 अगस्त के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और तेलंगाना में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। खासकर छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश के नए साप्ताहिक दौर के कारण उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में मौजूद रिहन्द बांध और मध्य प्रदेश के शहडोल में मौजूद बाणसागर बांध के जलस्तर में पुनः वृद्धि की संभावना हो गयी है। जिसके वजह से पुनः दोनों बांध के फाटक खोलने जैसी स्थिति बन सकती है।
रिहन्द बांध का बढ़ सकता है जलस्तर
मंगलवार 12 अगस्त को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और सरगुजा में बारिश पुनः शुरू हो गयी थी। इसके अलावा बलरामपुर में भी बारिश शुरू हो गयी थी। इसका सीधा असर रिहन्द नदी पर पड़ा है। सूरजपुर में ही रिहन्द नदी के जलस्तर में पिछले 12 घंटों में लगभग आठ फ़ीट की भारी वृद्धि दर्ज की गई है।मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार माना जा रहा है कि इसमें लगभग आठ फ़ीट की और वृद्धि हो सकती है। जिसके कारण रिहन्द बांध में इनफ्लो बढ़ना तय है। फिलहाल रिहन्द बांध में लगातार इनफ्लो बढ़ते जा रहा है। रिहन्द बांध का जलस्तर अधिकतम जलस्तर (264.44 मीटर) से ऊपर चल रहा है। रिहन्द नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से संभावना है कि जल्द पुनः रिहन्द के फाटक खोल दिए जाएं।
बाणसागर को लेकर सतर्कता बढ़ी
पूर्वी मध्य प्रदेश के भी कई जनपदों में बारिश शुरू होने से बाणसागर के जलस्तर में वृद्धि जारी है। फिलहाल बाणसागर का जलस्तर बुधवार शाम चार बजे तक 340.77 मीटर पहुँच गया था।अगर पानी की आवक बढ़ी तो एहतियातन बांध के फाटक खोले जा सकते हैं।
मानसून की रेखा में बदलाव
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून की मुख्य रेखा का पश्चिमी हिस्सा उत्तर और पूर्वी हिस्सा दक्षिण की ओर खिसक गया है। बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम हिस्से में 13 अगस्त की सुबह निम्न दबाव बना है, जो अगले 48 घंटों में उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा की ओर बढ़ सकता है। इसके साथ ऊपरी हवा में 7.6 किमी ऊंचाई तक चक्रवाती हलचल है। बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, उत्तर-पूर्व भारत, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के ऊपर भी चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय हैं, जबकि बंगाल की खाड़ी से अरब सागर तक हवाओं की एक रेखा दक्षिण की ओर झुकी है।
Related Posts
Latest News
14 Aug 2025 22:40:40
उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था में लगातार सुधार के बावजूद सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) और दक्षिणांचल...