एफएएमई इंडिया योजना के तहत 532 चार्जिंग स्टेशनों का हुआ निर्माण
नई दिल्ली-"फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफेक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (एफएएमई)" के दूसरे चरण में सार्वजनिक यातायात में इलेक्ट्रिक गाड़ियों (ईवी) पर जोर दिया जा रहा है, साथ ही बाजार निर्माण और मांग बढ़ाकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने की प्रवृत्ति को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इस योजना के तहत ईवी उद्योग के समग्र विकास की धारणा रखी गई है, जिसके तहत चार्जिंग स्टेशन की सुविधाएं उपलब्ध करवाना और ज्यादा स्वदेशीकरण की तरफ बढ़ने के प्रेरित करना लक्ष्य है।लोकसभा में एक सवाल के जवाब में भारी उद्योग मंत्री कृष्णपाल सिंह गुर्जर ने बताया कि एफएमई के दूसरे चरण में सब्सिडी के जरिए 7090 ई-बस, 5 लाख इलेक्ट्रिकल तिपहिया वाहन, 55,000 इलेक्ट्रिकल चार पहिया वाहन और 10 लाख इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की खरीददारी में मदद की जाएगी। इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने राष्ट्रीय ऑटोमोटिव नीति का एक मसौदा तैयार किया है और मंत्रालय की वेबसाइट (www.heavyindustries.gov.in) पर डाला है। यह एक समग्र नीति है और इसके जरिए ऑटो मिशन योजना 2016-26 के लक्ष्यों को पाने में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की मदद की जाएगी।
भारी उद्योग मंत्रालय ने एफएएमई इंडिया योजना के पहले चरण में 520 चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण को पारित किया था। अब योजना के दूसरे चरण में मंत्रालय ने 25 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, 9 एक्सप्रेस वे और 16 हाईवे के आसपास 1576 चार्जिंग स्टेशन के निर्माण का प्रावधान भी किया है। इस योजना के पहले और दूसरे चरण को मिला लें, तो कुल-मिलाकर 15 जुलाई, 2022 तक 532 चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका था, इसमें पहले चरण के तहत 479 और दूसरे चरण के तहत 53 स्टेशनों का निर्माण हुआ है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बताया है कि तेल विपणन कंपनियों ने 01.07.2022 तक अपने रिटेल आउटलेटों पर 3,448 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बना दिए हैं।
ऊर्जा मंत्रालय ने 14.01.2022 को इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर संशोधित समग्र दिशा-निर्देश और मानक जारी किए हैं। इसमें साफ कहा गया है कि कोई व्यक्ति या संस्था सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए योग्य है, बशर्ते यह स्टेशन तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों पर खरा उतरता हो और ऊर्जा मंत्रालय, ऊर्जा कुशलता ब्यूरो (बीईई) और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन करे।