इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के विरोध में राष्ट्रीय कन्वेंशन दो अगस्त को दिल्ली में
लखनऊ-नेशनल कोआर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों का एक राष्ट्रीय कन्वेंशन 2 अगस्त को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित किया गया है। सम्मेलन में इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के बिजली उपभोक्ताओं, पावर सेक्टर और बिजली कर्मचारियों पर पड़ने वाले दूरगामी प्रतिगामी प्रभाव पर विस्तृत चर्चा होगी और केंद्र सरकार के विचार हेतु एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। सम्मेलन में इलेक्ट्रीसिटी(अमेंडमेंट) बिल 2022 के विरोध में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की घोषणा की जायेगी।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने आज यहां बताया कि सम्मेलन में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख सांसदों को निमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में एक प्रस्तुतीकरण कर इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के दुष्परिणामों से सांसदों को अवगत कराया जाएगा और इसके विरोध में उनसे जन आंदोलन हेतु समर्थन मांगा जाएगा ।
बताया कि 2 अगस्त को दिल्ली में हो रहे राष्ट्रीय सम्मेलन में प्राप्त सूचना के अनुसार डीएमके, टीआरएस, एन सी पी,आम आदमी पार्टी, सीपीएम,सीपीआई,शिवसेना तृणमूल कांग्रेस,सपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, के प्रमुख सांसदों के सम्मिलित होने की उम्मीद है और वे इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के विरोध में बिजली कर्मियों को अपना समर्थन देंगे। सम्मेलन में देश के सभी प्रांतों से बिजली कर्मचारी और इंजीनियर सम्मिलित होंगे। राष्ट्रीय सम्मेलन में यह भी तय किया जाएगा कि यदि केंद्र सरकार बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं से विस्तृत चर्चा किए बिना इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 को संसद में जोर जबरदस्ती से पारित कराने की कोशिश करती है तो देश भर के तमाम 27 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे। आंदोलन की विस्तृत रूपरेखा और रणनीति राष्ट्रीय सम्मेलन में घोषित की जाएगी।