प्रेशर कुकर की बिक्री पर अमेज़न पर एक लाख रुपये का जुर्माना

प्रेशर कुकर की बिक्री पर अमेज़न पर एक लाख रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली,4 अगस्त-केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे की अध्यक्षता में प्राधिकरण ने हाल ही में अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर निर्धारित अनिवार्य मानकों के उल्लंघन में घरेलू प्रेशर कुकर की बिक्री की अनुमति देने के लिए अमेज़ॅन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आदेश पारित किया।

यह उल्लेख किया जा सकता है कि सीसीपीए ने अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य मानकों के उल्लंघन में घरेलू प्रेशर कुकर की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के खिलाफ स्वत: कार्रवाई शुरू की थी। सीसीपीए ने अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट, पेटीएम मॉल, शॉपक्लूज और स्नैपडील सहित प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ इन प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत विक्रेताओं को भी नोटिस जारी किया था। ।

कंपनी द्वारा प्रस्तुत प्रतिक्रिया की जांच के बाद, यह देखा गया कि अनिवार्य मानकों के अनुरूप कुल 2,265 प्रेशर कुकर क्यूसीओ की अधिसूचना के बाद अमेज़ॅन के माध्यम से बेचे गए थे। अमेज़ॅन द्वारा अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऐसे प्रेशर कुकर की बिक्री पर अर्जित कुल शुल्क 6,14,825.41 रुपये था।

अमेज़ॅन ने स्वीकार किया कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे गए प्रेशर कुकर के लिए 'बिक्री कमीशन' शुल्क अर्जित किया। सीसीपीए ने देखा कि जब अमेज़ॅन अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध उत्पाद की प्रत्येक बिक्री से व्यावसायिक रूप से कमाता है, तो वह अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से उत्पादों की बिक्री से उत्पन्न मुद्दों से खुद को अलग नहीं कर सकता है।

आदेश में, सीसीपीए ने अमेज़ॅन को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे गए 2,265 प्रेशर कुकर के सभी उपभोक्ताओं को सूचित करने, प्रेशर कुकर वापस मंगाने और उपभोक्ताओं को उनकी कीमत लौटाने तथा 45 दिनों के भीतर इसकी अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कंपनी को यह भी निर्देश दिया गया था कि अपने प्लेटफॉर्म पर क्यूसीओ के उल्लंघन में प्रेशर कुकर की बिक्री की अनुमति देने और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए वह 1,00,000 रुपये का जुर्माना अदा करे।

उल्लेखनीय है कि सीसीपीए ने पेटीएम मॉल के खिलाफ इसी तरह जुर्माना देने और खराब प्रेशर कुकरों को वापस लेने तथा वापस लेने का आदेश पारित किया था, जो सीसीपीए द्वारा पारित निर्देश का अनुपालन करता है और उसने 1,00,000 रुपये का जुर्माना दिया है।

 

 

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