ये क्या जगह है दोस्तो
By TPT डेस्क
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मोहम्मद ज़हुर 'ख़य्याम' हाशमी (अंग्रेज़ी: Mohammed Zahur Khayyam, जन्म: 18 फरवरी, 1927- निधन: 19 अगस्त 2019) भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार थे। ख़य्याम बॉलीवुड के ऐसे संगीतकार थे, जिन्होंने कम फिल्मों में संगीत दिया, मगर उनके गीत और धुनें अमर हैं। उनके गीत रोजाना आकाशवाणी अथवा टेलीविजन पर किसी न किसी रूप में सुनाए-दिखाए जाते हैं। उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में क़रीब 40 साल काम किया और 35 फ़िल्मों में संगीत दिया। ख़य्याम ने शर्माजी नाम से कुछ फिल्मों में संगीत भी दिया है।
भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार का 19 अगस्त 2019 को रात साढ़े नौ बजे निधन हो गया। पिछले कुछ समय से सांस लेने में दिक़्क़त के कारण उनका मुंबई के जुहू में एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह 93 साल के थे।
प्रसिद्ध गीत
- शामे गम की कसम, गायक- तलत महमूद, फ़िल्म- फुटपाथ
- है कली-कली के लब पर, गायक- मोहम्मद रफी, फ़िल्म- लाला रुख
- वो सुबह कभी तो आएगी, गायक- मुकेश-आशा भोंसले, फ़िल्म- फिर सुबह होगी
- जीत ही लेंगे बाजी हम तुम, गायक- रफी-लता मंगेशकर, फ़िल्म- शोला और शबनम
- तुम अपना रंजो-गम अपनी परेशानी मुझे दे दो, गायक- जगजीत कौर, फ़िल्म- शगुन
- बहारों, मेरा जीवन भी सँवारो, गायक- लता, फ़िल्म- आख़िरी खत
- कभी-कभी मेरे दिल में खयाल आता है, गायक- साहिर, फ़िल्म- कभी-कभी
- मोहब्बत बड़े काम की चीज है, गायक- येसुदास-किशोर-लता, फ़िल्म- त्रिशूल
- दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए, गायक- आशा भोंसले, फ़िल्म- उमराव जान
- ये क्या जगह है दोस्तो/आशा भोंसले, फ़िल्म- उमराव जान
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