इंदौर में बना मध्य प्रदेश का पहला जी.आई.एस. अति उच्च-दाब सब-स्टेशन

इंदौर में बना मध्य प्रदेश का पहला जी.आई.एस. अति उच्च-दाब सब-स्टेशन

भोपाल,29 अगस्त 2022-मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुये महानगर इंदौर के पारेषण नेटवर्क को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए प्रदेश का पहला जी.आई.एस. (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सब-स्टेशन) का निर्माण पूरा कर लिया है। करीब 36 करोड़ 50 लाख की अनुमानित लागत से निर्मित इंदौर की घनी आबादी स्थित महालक्ष्मी नगर में 50 एम.व्ही.ए. क्षमता के साथ इस सब-स्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया। मध्यप्रदेश का यह पहला जी.आई.एस. अति उच्च-दाब सब-स्टेशन है, जो मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के पारेषण नेटवर्क में जुडा है। इस सब-स्टेशन के प्रारंभ हो जाने से इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ इंदौर को अति उच्च-दाब सब-स्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के स्टॉफ को बधाई दी है।

घनी आबादी में बनाया प्रदेश का पहला जी.आई.एस. सब-स्टेशन

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि इंदौर में विद्युत की बढ़ती मांग को देखते हुए मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को इंदौर शहर में अतिरिक्त सब-स्टेशन के निर्माण की जरूरत महसूस हुई। इंदौर जैसी घनी आबादी में परम्परागत सब-स्टेशन के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने इंदौर में जी.आई.एस. सब-स्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सब-स्टेशन) तैयार करने का निर्णय लिया। चूंकि यह कंपनी का नवाचार था इसलिये प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे ने स्वंय उपस्थित रहकर इस व्यवस्था को देखा, समझा और आवश्यक निर्देश दिये।

निर्माण में कम जगह लगने के साथ दूसरे फायदे भी

जी.आई.एस. सब-स्टेशन के निर्माण में परम्परागत एयर इंसुलेटेड सबस्टेशनों के मुकाबले कम भूमि की जरूरत पड़ती है। इस तकनीक से सब-स्टेशन के निर्माण का बजट परम्परागत सब-स्टेशन की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक रहता है, पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण शहर इंदौर की जरूरत को देखते हुए इस निर्माण की मंजूरी दी। गैस इंसुलेटेड चेंबर में रहने के कारण इन सबस्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है। इन्हें ‘‘मेंटेनेंस फ्री’’ सब-स्टेशन भी कहा जाता है।

अब 13.5 कि.मी. लंबे फीडर के स्थान पर 20 मीटर से होगी विद्युत आपूर्ति

इस 132 के.व्ही. जी.आई.एस. सब-स्टेशन के निर्माण से सबसे अधिक फायदा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन के महालक्ष्मी नगर को मिलेगा। इसे पूर्व में 220 के.व्ही. सब-स्टेशन बिचौली मरदाना इंदौर ईस्ट से 13.5 कि.मी. लंबे 33 के.व्ही. संचार नगर- दो फीडर द्वारा तथा 132 के.व्ही. सत्यसांई सब-स्टेशन से 12 कि.मी. लंबे 33 के.व्ही. तुलसी नगर फीडर के माध्यम से सप्लाई मिला करती थी। अब जीआईएस सब-स्टेशन से मात्र 20 मीटर के फीडर से प्राप्त होगी, जिससे 33 के.व्ही. लाइन में विद्युत व्यवधान होने से सुधार कार्य में होने वाली परेशानी और देरी से बचा जा सकेगा। इस नवनिर्मित सब-स्टेशन से इंदौर की घनी आबादी में 33 के.व्ही. के कुल 8 फीडरों को विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।

राजेश पाण्डेय

Related Posts

Latest News

रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई
सोनभद्र-अनपरा बिजलीघर की पांच सौ मेगावाट क्षमता की जनरेटर में तकनीकी खराबी आने से बीते 10 नवंबर को बंद हुई...
वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ
मंत्री समूह गठन के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया जाय वापस
प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बिजली कर्मियों ने बनाया नया इतिहास!
खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्तिभवन घेरा
आईआरईडीए कार्यालय का दौरा कर एमएनआरई सचिव ने की समीक्षा
बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान