खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू

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नयी दिल्ली - सार्वजनिक क्षेत्र के लघु रत्न उद्यम टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 1320 मेगावाट क्षमता वाले खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र (केएसटीपीपी) की पहली इकाई के वाणिज्यिक संचालन तिथि (COD) की घोषणा कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

परियोजना की प्रमुख बातें:
  1. सीओडी की घोषणा:
    टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने जानकारी दी कि 25 जनवरी 2025 की मध्यरात्रि से यह इकाई वाणिज्यिक रूप से बिजली उत्पादन और आपूर्ति के लिए तैयार हो गई है।

  2. ग्रिड परीक्षण और ट्रायल:
    परियोजना ने ग्रिड समन्वय, 660 मेगावाट की पूर्ण लोड टेस्टिंग, और 72 घंटे की परीक्षण प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की है।

  3. पर्यावरण के अनुकूल तकनीक:
    संयंत्र में फ्लू गैस डी-सल्फराइजेशन (FGD) प्रणाली को शामिल किया गया है, जो सल्फर डाई ऑक्साइड (SO₂) उत्सर्जन को कम कर पर्यावरणीय मानकों को सुनिश्चित करती है।

  4. बिजली आपूर्ति:
    खुर्जा संयंत्र उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और अन्य गैर-आवंटित क्षेत्रों को बिजली की आपूर्ति करेगा, जिससे इन राज्यों में बिजली आपूर्ति में मजबूती आएगी।

  5. टीएचडीसीआईएल की अन्य परियोजनाएं:

    • 1000 मेगावाट का टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट।
    • 444 मेगावाट की विष्णुगढ़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना।
टीम की भूमिका और बधाई:

टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) शैलिंदर सिंह ने टीम खुर्जा को इस सफलता पर बधाई दी। उन्होंने इसे कर्मचारियों की मेहनत और सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया।

वित्तीय और रणनीतिक लाभ:

निदेशक (वित्त) सिपन कुमार गर्ग ने इस उपलब्धि के वित्तीय और रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यह संयंत्र टीएचडीसीआईएल की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ भारत के ऊर्जा क्षेत्र को और सशक्त बनाएगा।

सतत विकास की ओर कदम:

खुर्जा संयंत्र का संचालन न केवल ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगा बल्कि भारत के सतत विकास लक्ष्यों को भी समर्थन प्रदान करेगा।

टीएचडीसीआईएल ने इस परियोजना के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता और क्षमताओं को साबित किया है। यह उपलब्धि देश की आर्थिक वृद्धि और ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।

 

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