देश का सबसे बड़ा बिजली घर: एनटीपीसी विंध्याचल

एक जीवित मील का पत्थर

विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन

सिंगरौली, मध्य प्रदेश स्थित देश की ऊर्जा सुरक्षा का सबसे मजबूत स्तंभ, एनटीपीसी का विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन, न सिर्फ भारत का सबसे बड़ा कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र है, बल्कि यह एक ऐसा मील का पत्थर भी है जिसने दशकों से राष्ट्रीय ग्रिड को स्थिरता और लाखों घरों को रौशनी दी है।

संयंत्र की विशेषताएं

1987 में स्थापित इस संयंत्र में 13 इकाइयाँ हैं – जिनमें 210 मेगावाट की 6 पुरानी इकाइयाँ और 500 मेगावाट की 7 उन्नत इकाइयाँ शामिल हैं। कुल स्थापित क्षमता 4760 मेगावाट है, जो इसे देश का सबसे बड़ा ताप विद्युत संयंत्र बनाती है। इसकी सभी इकाइयाँ बिटुमिनस कोयले पर आधारित हैं। परियोजना का पहला चरण वर्ष 1987 से 1991 के बीच चालू किया गया, जिसमें छह इकाइयाँ शामिल हैं, प्रत्येक की क्षमता 210 मेगावाट है और ये सभी सबक्रिटिकल तकनीक पर आधारित हैं। इसके अंतर्गत यूनिट 1 वर्ष 1987 में, यूनिट 2 वर्ष 1988 में, यूनिट 3 और 4 वर्ष 1989 में, यूनिट 5 वर्ष 1990 में और यूनिट 6 वर्ष 1991 में चालू हुईं।

दूसरे चरण में दो इकाइयाँ शामिल हैं, जिनकी प्रत्येक की क्षमता 500 मेगावाट है। ये यूनिट 1 वर्ष 1999 और यूनिट 2 वर्ष 2000 में चालू की गईं। तीसरे चरण में भी दो इकाइयाँ शामिल हैं, जिनकी क्षमता 500-500 मेगावाट है और ये क्रमशः वर्ष 2006 और 2007 में चालू की गईं। चौथे चरण में यूनिट 11 वर्ष 2012 और यूनिट 12 वर्ष 2013 में शुरू की गईं, जिनकी क्षमता भी 500 मेगावाट है। पांचवां चरण वर्ष 2015 में चालू हुआ, जिसमें यूनिट 13 शामिल है और इसकी क्षमता भी 500 मेगावाट है। सभी इकाइयाँ अभी संचालित स्थिति में हैं और सबक्रिटिकल तकनीक पर आधारित हैं।

राष्ट्रीय ग्रिड में निर्णायक योगदान

विंध्याचल से उत्पादित बिजली का उपयोग मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गोवा, दमन दीव और दादरा नगर हवेली जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होता है। अनुमानतः, यह संयंत्र 3 करोड़ से अधिक लोगों के घरों और हजारों उद्योगों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करता है।

पर्यावरणीय नवाचार

पारंपरिक कोयला संयंत्रों से इतर, विंध्याचल पावर स्टेशन में कार्बन डाइऑक्साइड से मेथनॉल उत्पादन का एक प्रायोगिक प्रोजेक्ट भी चल रहा है – जो भारत में कार्बन कैप्चर और पुन: उपयोग (CCU) की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इससे भविष्य में कार्बन उत्सर्जन में कमी और मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधनों का रास्ता खुल सकता है।

NTPC Vindhyachal ने अगस्त 2022 में CO₂ कैप्चर और यूटिलाइजेशन (CCU) का प्रायोगिक परीक्षण शुरू किया, जिसमें फ्लू गैस से प्रति दिन लगभग 20 टन CO₂ को कैप्चर किया गया। इस CO₂ का उपयोग करते हुए, पाइपलाइन के जरिए 10 टन मेथनॉल प्रतिदिन उत्पादन करने की परियोजना शुरू की गई।

हालांकि देश ने हाल ही में SO₂ उत्सर्जन नियंत्रण (FGD) स्थापित करने की नीति को कमजोर कर दिया है, जिससे कुल 537 यूनिट्स में से केवल 12% को ही FGD अनिवार्य किया गया है। इससे NTPC सहित अन्य बल्क टर्मल प्लांट्स की पर्यावरण दिशा में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

लागत दक्षता और संसाधन प्रबंधन

यह संयंत्र पास की निगाही कोयला खदानों से कोयले की आपूर्ति प्राप्त करता है, जिससे परिवहन लागत में भारी कमी आती है और ईंधन दक्षता में इज़ाफा होता है। इसके अलावा, पुराने यूनिट्स के अपग्रेड और परिचालन सुधार के चलते प्रति यूनिट उत्पादन लागत में भी उल्लेखनीय कमी आई है।

रिकॉर्ड एवं उपलब्धियाँ
1. वार्षिक उत्पादन का उच्चतम स्तर

वित्तीय वर्ष 2018‑19 में इस संयंत्र ने 37,538.97 मिलियन यूनिट (MUs) बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन किया—जो उसके पिछले सर्वश्रेष्ठ (37,496 MUs) से भी अधिक था। 

2. अत्यधिक Plant Load Factor (PLF)

उसी वर्ष संयंत्र ने 90.03% वार्षिक PLF हासिल किया, जो राष्ट्रीय औसत (~60.85%) से बहुत ऊपर है, और यह NTPC के सभी थर्मल स्टेशन में दूसरा सबसे उच्च PLF रिकॉर्ड था। 

3. 10 वर्षों से निरंतर 90%+ उपलब्धता

विंध्याचल संयंत्र ने लगातार 10 वर्षों से अधिक समय तक 90% से अधिक प्लांट उपलब्धता बनाकर रखी है, जो ऑपरेशनल स्थिरता का प्रतीक है

4. 100% PLF हासिल करने वाला सबसे बड़ा संयंत्र

13 इकाइयों (4760 MW) क्षमता के साथ यह देश का सबसे बड़ा प्लांट बना जिसने 13 अप्रैल 2020 को 100% PLF (पूरी क्षमता पर संचालन) तक पहुँचने का गौरव हासिल किया

5. IPMA International Project Excellence Award

विंध्याचल की एक इकाई को IPMA अंतर्राष्ट्रीय परियोजना उत्कृष्टता (Silver Award) 2016 से सम्मानित किया गया क्योंकि वह समय से पहले (26 महीनों में) सिंक्रोनाइज़ और पूर्ण लोड पर पहुँच गई थी

6. भारत की पहली 100% FGD इकाई

Unit 13 (500 MW) में देश का पहला 100% Flue‑Gas Desulfurization (FGD) सिस्टम स्थापित किया गया, जिससे SOₓ उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी आई। साथ ही अन्य इकाइयों में FGD लगाने की प्रक्रिया भी चल रही है।

7. एनर्जी मैनेजमेंट एवं CII सम्मान

संचालन दक्षता और ऊर्जा प्रबंधन के लिए Vindhyachal को CII (Confederation of Indian Industry) द्वारा 2018 में “Excellent Energy Efficient Unit” का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है

8. CSR व प्रशिक्षण में उपलब्धियाँ

प्लांट ने राष्ट्रीय CSR पुरस्कार, प्रशिक्षण एवं सस्टेनेबिलिटी क्षेत्रों में Golden Peacock Award, CII Customer Engagement Award, Swarn Shakti Puraskar जैसे अनेक राष्ट्रीय व संगठनात्मक सम्मान प्राप्त किए हैं

एक प्रेरक प्रतीक

एनटीपीसी विंध्याचल सिर्फ एक बिजलीघर नहीं, बल्कि आधुनिक भारत की ऊर्जा यात्रा का प्रेरक प्रतीक है, जहां तकनीकी क्षमता, स्थिरता, और नवाचार का संगम देश को रोशन करता है।देश की तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा मांगों के बीच, विन्ध्याचल थर्मल पावर स्टेशन सस्ती और भरोसेमंद बिजली का एक बड़ा स्रोत बना हुआ है। यह प्लांट केवल एक उत्पादन इकाई नहीं, बल्कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

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