हाइड्रो पंप स्टोरेज परियोजनाओं को मिली नई रफ्तार
85 GW से अधिक क्षमता निर्माण की दिशा में बढ़ा भारत
भारत सरकार ने ऊर्जा भंडारण क्षमता को सुदृढ़ करने और हरित ऊर्जा लक्ष्यों को गति देने के लिए हाइड्रो पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के विकास पर बड़ा ध्यान केंद्रित किया है। अब तक देश में 6.2 गीगावाट क्षमता वाले 10 पीएसपी चालू हो चुके हैं, जबकि 8.5 गीगावाट के 8 प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, 5.8 गीगावाट की परियोजनाओं को मंज़ूरी, और 64.8 गीगावाट क्षमता के 46 पीएसपी सर्वेक्षण और जांच प्रक्रिया में हैं।यह जानकारी विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
नीतिगत और संरचनात्मक सहायता
बजटीय सहायता
सड़क, पुल, रोपवे, रेलवे साइडिंग, ट्रांसमिशन लाइन जैसी अवसंरचनाओं को विकसित करने में सहायता दी जा रही है, जिससे पीएसपी परियोजनाओं की आधारभूत संरचना मजबूत हो सके।
दिशानिर्देश और छूट
अप्रैल 2023 में विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत पीएसपी के लिए फ्री पावर दायित्व और एलएडीएफ में छूट, कोयला खदानों के दोबारा उपयोग, और पर्यावरणीय प्रक्रिया में सरलता जैसे उपाय शामिल हैं।30 जून 2028 से पहले शुरू हुई परियोजनाओं को ISTS शुल्क से छूट दी जाएगी।
तेज़ डीपीआर प्रक्रिया
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने डीपीआर अनुमोदन की समयसीमा को 90 से घटाकर 50 दिन कर दिया है। इसके अलावा, जल विद्युत परियोजनाओं की प्रगति पर निगरानी के लिए 'जल विद्युत डीपीआर' पोर्टल लॉन्च किया गया है।
पर्यावरण स्वीकृति में सुधार
MOEF&CC ने मई 2023 में बी2 श्रेणी के तहत पीएसपी को मंजूरी देने की अधिसूचना जारी की। अगस्त 2024 में वन क्षेत्रों में ड्रिलिंग जांच की अनुमति, अब पीएसपी परियोजनाओं तक विस्तारित कर दी गई है।
TBCB दिशानिर्देश लागू
पीएसपी से ऊर्जा भंडारण की खरीद के लिए पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और मानकीकृत ढांचा स्थापित किया गया है।
ऊर्जा क्षेत्र की नई उम्मीदें
राज्यसभा में ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह पहल भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाएगी। तेजी से बढ़ रही अक्षय ऊर्जा हिस्सेदारी के साथ पीएसपी जैसे तकनीकी समाधान ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा भंडारण के लिए बेहद जरूरी हैं।