बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान

23 जनवरी को देश के सभी प्रांतों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन

बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली - नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इधर उप्र में लगातार दूसरे सप्ताह बिजली कर्मियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। 21 जनवरी को भी काली पट्टी बांधने का अभियान जारी रहेगा।
     
नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के निर्णय के अनुसार उप्र में निजीकरण हेतु होने वाली प्री बिडिंग कांफ्रेंस के विरोध में 23 जनवरी को देश के सभी प्रांतों की राजधानियों में बिजली कर्मी विरोध प्रदर्शन करेंगे और प्रेस कांफ्रेंस कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करने की मांग करेंगे। 
       
इसी प्रकार 01 फरवरी को चंडीगढ़ की बिजली व्यवस्था निजी कंपनी द्वारा अधिग्रहित किए जाने की योजना के विरोध में 31 जनवरी को देश के समस्त प्रांतों में जनपद एवं परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। 
       
नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स में आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, आल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन,आल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन, आल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन प्रमुख अखिल भारतीय फेडरेशन हैं।
   
आज से शुरू सप्ताह के पहले दिन उप्र के बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने पूरे दिन काली पट्टी बांधकर निजीकरण का विरोध किया। समस्त जनपदों/ परियोजनाओं पर भोजन अवकाश या कार्यालय समय के उपरान्त विरोध प्रदर्शन किए गए। 
IMG-20250120-WA0001
     
मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, जवाहरपुर, पनकी, ओबरा, पिपरी, अनपरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, झांसी, बांदा,आगरा, कानपुर में बड़ी सभाएं हुईं।
         
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राजधानी लखनऊ में लेसा, मध्यांचल मुख्यालय, पारेषण भवन, एसएलडीसी, उत्पादन निगम और शक्ति भवन मुख्यालय पर सभाओं को संबोधित किया। 
       
संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु प्री बिडिंग कांफ्रेंस को तत्काल रद्द किया जाय अन्यथा बिजली कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त हो रहा है। बिजली कर्मी प्री बिडिंग कांफ्रेंस का प्रान्त भर में प्रबल विरोध करेंगे।
 

Related Posts

Latest News

वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
नई दिल्ली - ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बजट 2025 पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वितरण उपयोगिताओं...
अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ
मंत्री समूह गठन के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया जाय वापस
प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बिजली कर्मियों ने बनाया नया इतिहास!
खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्तिभवन घेरा
आईआरईडीए कार्यालय का दौरा कर एमएनआरई सचिव ने की समीक्षा
बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष का बयान अवांछनीय और भड़काने वाला