CRISPR तकनीक से टमाटर, आलू और मिर्च होंगे स्मार्ट
गर्मी और बीमारी से अब खुद करेंगे रक्षा!
भारत के वैज्ञानिकों ने खेती की दुनिया को हिला देने वाली एक नई उपलब्धि हासिल की है! बोस इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं ने एक 'स्मार्ट आणविक उपकरण' विकसित किया है, जो फसलों को गर्मी और बीमारियों से स्वतः बचाव करने की शक्ति देता है।
यह तकनीक आधारित है सीआरआईएसपीआर (CRISPR) पर, जिसे अक्सर डीएनए में स्थायी बदलाव करने वाली आणविक कैंची कहा जाता है। लेकिन यहां खास बात यह है कि वैज्ञानिकों ने इसका एक संशोधित संस्करण dCas9 इस्तेमाल किया है, जो डीएनए को काटता नहीं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर जीन को ऑन/ऑफ करता है।
कैसे करता है काम
टमाटर के एक प्रोटीन से प्रेरित TM डोमेन नामक हिस्सा dCas9 को पौधे की कोशिका के बाहर लॉक करके रखता है।
जैसे ही गर्मी या बीमारी का तनाव आता है, ये लॉक खुल जाता है।
dCas9 नियंत्रण कक्ष (नाभिक) में जाकर रक्षा जीनों को सक्रिय कर देता है।
इससे पौधा तुरंत प्रतिक्रिया देता है और खुद की रक्षा करता है।
🍅 इस तकनीक का टमाटर, आलू और तंबाकू पर सफल परीक्षण किया गया।
💪 खासकर गर्मी और स्यूडोमोनास सिरिंगे जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में यह सिस्टम बेहद असरदार साबित हुआ।
सक्रिय किए गए जीन
गर्मी से लड़ाई में: NAC2 और HSFA6B
रोग प्रतिरोध में: CBP60g और SARD1
बदलते जलवायु में आशा की किरण
जहां किसान लगातार बढ़ते तापमान और अनियमित मौसम से जूझ रहे हैं, वहां यह तकनीक ऊर्जा की बचत करते हुए सिर्फ ज़रूरत पर ही सक्रिय होती है, यानि स्मार्ट फार्मिंग का अगला कदम।
भविष्य में यह तकनीक बैंगन, मिर्च और अन्य खाद्य फसलों में भी लागू की जा सकती है। यह न केवल कृषि को अधिक टिकाऊ बनाएगी, बल्कि भविष्य की खाद्य सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगी।
📘 यह शोध प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल मैक्रोमोलेक्यूल्स में प्रकाशित हुआ है।(PIB)