बेंगलुरु में देश की सबसे बड़ी BESS विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन

बेंगलुरु में देश की सबसे बड़ी BESS विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन

भारत ने स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा के भविष्य की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज बेंगलुरु के बिदादी औद्योगिक क्षेत्र में अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) विनिर्माण सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया। इस प्लांट की 5 गीगावॉट प्रति घंटे की वार्षिक विनिर्माण क्षमता इसे देश की सबसे बड़ी और सबसे उन्नत BESS सुविधाओं में से एक बनाती है।

श्री जोशी ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि, "यह प्लांट न केवल बैटरियां बनाएगा, बल्कि भारत के ऊर्जा भविष्य की नींव रखेगा।" उन्होंने इसे स्वच्छ ऊर्जा, ग्रिड स्थिरता और भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता की दिशा में एक मजबूत वचनबद्धता बताया।

क्यों महत्वपूर्ण है यह BESS प्लांट

पूरी तरह स्वचालित सेल-टू-पैक असेंबली लाइन, जो न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अधिकतम दक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित करती है। यह सुविधा ग्रिड स्थिरता, पीक डिमांड प्रबंधन, और फ्रीक्वेंसी रेगुलेशन में बड़ी भूमिका निभाएगी। यह भारत को ऊर्जा भंडारण के वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

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सरकार की दीर्घकालिक रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य को याद करते हुए श्री जोशी ने बताया कि जैसे-जैसे अक्षय ऊर्जा ग्रिड में जुड़ रही है, ऊर्जा भंडारण की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।

CEA का अनुमान: 2032 तक देश को 411.4 गीगावॉट की ऊर्जा भंडारण प्रणाली की जरूरत होगी – जिसमें 175.18 GW PSP और 236.22 GW BESS शामिल हैं।

उद्योग में निवेश की संभावना: 2032 तक ₹4.79 लाख करोड़

सरकारी समर्थन

पहले से स्वीकृत 13.2 GW BESS परियोजनाओं के लिए ₹3,700 करोड़ का VGF

अब अतिरिक्त ₹5,400 करोड़ का प्रस्तावित VGF सहायता पैकेज

भारत बनेगा वैश्विक निर्माण केंद्र

श्री जोशी ने विश्वास जताया कि भारत BESS निर्माण में न केवल बैटरियों, बल्कि इनवर्टर, कंट्रोल सिस्टम और सॉफ्टवेयर में भी आत्मनिर्भर बन सकता है। 2022 से 2032 के बीच 47 GW से अधिक बैटरी भंडारण क्षमता जोड़ने की योजना बनाई गई है, जिसमें अनुमानित निवेश ₹3.5 लाख करोड़ तक होगा।

उन्होंने कहा, "अगर हम ऊर्जा को स्टोर नहीं कर सकते, तो हमें या तो उसे बर्बाद करना होगा या कोयले पर वापस जाना होगा। लेकिन BESS हमारे ग्रिड को मजबूत, स्थिर और स्मार्ट बनाएगा।"

 

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