भारत अपतटीय पवन से 30,000 मेगावाट ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए तैयार

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने जर्मनी की प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के साथ गोलमेज बैठक की

भारत अपतटीय पवन से 30,000 मेगावाट ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए तैयार

नई दिल्ली- केन्‍द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आज जर्मनी की प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के साथ भारत में अपने विस्‍तार के बारे में वर्चुअल गोलमेज बैठक की। उन्होंने सभी प्रमुख जर्मन ऊर्जा कंपनियों को भारत में आने और निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। केंद्रीय विद्युत सचिव श्री आलोक कुमार, संयुक्त सचिव एमएनआरई डॉ. वंदना कुमार और भारत और जर्मनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।श्री सिंह ने इस बात पर जोर डाला कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत ने क्षमता वृद्धि और ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाने के लिए कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया है।मंत्री ने बताया कि भारत के पास पहले से ही दुनिया में सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है। साथ ही भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि की दर भी सबसे तेज है।1MP0X

श्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपनी जरूरतों के लिए बैटरी स्टोरेज, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया बड़ी क्षमता विकसित करेगा और बढ़ती वैश्विक मांग को भी पूरा करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक होगा। उन्होंने जर्मन कंपनियों को सूचित किया कि हम सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण करेंगे।

मंत्री ने जर्मन कंपनियों को बताया कि भारत की योजना अपतटीय पवन (समुद्र में हवा से उत्पन्न ऊर्जा) क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर पैदा करना है। उन्होंने कहा कि हम अपने देश में 30,000 मेगावाट अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च दक्षता वाले सौर सेल और मॉड्यूल के निर्माण में भाग लेने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए जर्मन कंपनियों का स्वागत है, जिनसे भारत 50,000 मेगावाट क्षमता स्थापित करने जा रहा है।

श्री आर. के. सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत इनोवेशन का स्वागत करता है। उन्होंने कई उभरते अवसरों को रेखांकित किया और कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत में पूरी तरह से सुलभ बाजार, सुविधाजनक नीतियां और एक सक्षम नियामक पारिस्थितिकी तंत्र है।pinwheel-3714863_960_720

श्री सिंह ने कहा कि जर्मनी को ऊर्जा परिवर्तन के रास्ते पर बड़ी मात्रा में ग्रीन हाइड्रोजन और हरी अमोनिया का आयात करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने जर्मनी को भारत से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आमंत्रित किया। श्री आर. के. सिंह और जर्मन आर्थिक मामलों और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कल इंडो-जर्मन हाइड्रोजन टास्क फोर्स पर एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत दोनों देश परियोजनाओं, विनियमों और मानकों, व्यापार और संयुक्त अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) के लिए सक्षम ढांचे के निर्माण के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग, भंडारण और वितरण में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए एक इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स की स्थापना करेंगे।

Related Posts

Latest News

रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई
सोनभद्र-अनपरा बिजलीघर की पांच सौ मेगावाट क्षमता की जनरेटर में तकनीकी खराबी आने से बीते 10 नवंबर को बंद हुई...
वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ
मंत्री समूह गठन के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया जाय वापस
प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बिजली कर्मियों ने बनाया नया इतिहास!
खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्तिभवन घेरा
आईआरईडीए कार्यालय का दौरा कर एमएनआरई सचिव ने की समीक्षा
बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान