एमपी के बाणसागर के पानी से यूपी की बालू खदानों में मची अफरा तफरी
नई दिल्ली/सोनभद्र,13 अक्टूबर 2022-मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सोन नदी पर मौजूद बाणसागर जलाशय से छोड़े गए पानी के कारण उत्तर प्रदेश के सोनभद्र की बालू खदानों में अफरा तफरी मच गयी।बाणसागर द्वारा छोड़ा गया पानी गुरुवार को जब सोनभद्र पहुंचा तब बालू ट्रकों सहित लोडिंग मशीनों को तटों पर भागना पड़ा। अवैध बालू खनन के लिए कुख्यात रहे यूपी के सोनभद्र में बीते एक अक्टूबर से पुनः बालू की नियमित खदानों पर काम चालू हुआ था। दो खदानों पर जहाँ लोडिंग शुरू हुयी थी वहीं एक अन्य खदान पर रास्ते का निर्माण चल रहा था।
मंगलवार से ही बाणसागर सहित अन्य नदियों के पानी से सोन नदी के जलस्तर में इजाफा शुरू हो गया था। बीते 11 अक्टूबर शाम 6.00 बजे बालू खदानों के पास चोपन में जलस्तर 166.95 मीटर दर्ज किया गया था जो 13 अक्टूबर शाम 6.00 बजे 167.25 मीटर पहुंच गया था।गुरुवार दिन में जलस्तर में वृद्धि के साथ सोनभद्र के जुगैल थानांतर्गत अगोरी ख़ास में मौजूद खदानों में पानी भरना शुरू हो गया। जिसके बाद लोडिंग बंद करने के साथ ट्रकों और मशीनों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।वहीँ अगोरी किले के सामने मौजूद एक खदान में निर्माणाधीन अस्थायी रास्ता बह गया।रास्ता बहने की घटना ने स्पष्ट किया है कि सोनभद्र में नियम विरुद्ध नदियों के बीच खनन किया जाता है। अब केवल भगवा स्थित एक खदान में ही काम जारी है।
बाणसागर ने छोड़ा 40 हजार क्यूसेक पानी
बीते 10 और 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में काफी बारिश हुयी थी। खासकर 10 अक्टूबर को पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 3347 फीसद ज्यादा बारिश हुयी । इस दौरान बाणसागर के लिए जल संग्रहण करने वाले अनूपपुर,डिंडोरी,जबलपुर,कटनी,मंडला,सतना एवं शहडोल जैसे जनपदों में 280 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुयी। बारिश के कारण बाणसागर से 11 अक्टूबर को 23190 क्यूसेक और 12 अक्टूबर को 14423 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यही पानी सोनभद्र में पहुँचने के साथ बालू खनन के लिए मुसीबत बन गया है। मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि अभी बाणसागर जलाशय में पानी की आवक जारी है। बताया कि जल विद्युत इकाइयों के चलने से सोन नदी में पानी आना जारी रहेगा।फिलहाल बाणसागर के खुले फाटक बंद कर दिए गए हैं लेकिन गुरुवार को तकनीकी कारणों से पुनः फाटक खोले गए थे।
लबालब भर गया है बाणसागर
बीते 28 सितंबर को ही बाणसागर पूर्ण जलाशय स्तर(एफआरएल) 341.64 मीटर पहुँच गया था। उसी दिन बाणसागर के तीन फाटक खोल दिए गए थे। 13 अक्टूबर शाम को भी बाणसागर का जलस्तर 341.64 मीटर पर स्थिर रखा जा रहा है। बाणसागर से आ रहे पानी के कारण मध्य प्रदेश के रीवा,सीधी एवं सिंगरौली के साथ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र,बिहार के रोहतास सहित सोन नदी के कई तटवर्ती जनपदों में पुनः सतर्कता की स्थिति पैदा हो गयी है।