पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन हुआ अब ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड

पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन हुआ अब ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड

भारतीय विद्युत ग्रिड की अखंडता, विश्वसनीयता, मितव्ययिता, लचीलापन और इसके सतत संचालन को सुनिश्चित करने में ग्रिड संचालकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाने के लिए इसके नाम में परिवर्तन किया गया है।

नई दिल्ली,14 नवंबर 2022-भारत के राष्ट्रीय ग्रिड ऑपरेटर "पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पोसोको)" ने आज घोषणा करते हुए बताया कि पोसोको ने अब अपना नाम बदलकर "ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड" रख लिया है। भारतीय विद्युत ग्रिड की अखंडता, विश्वसनीयता, अर्थव्यवस्था, लचीलापन और टिकाऊ संचालन को सुनिश्चित करने में ग्रिड ऑपरेटरों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाने के लिए इसके नाम में परिवर्तन किया गया है।

"ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड" से नाम परिवर्तित करना एक स्वागत योग्य पहल है क्योंकि भारत की ऊर्जा प्रणाली के केंद्र में इसकी अद्वितीय उपस्थिति है, जो लोगों को उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा से इसे जोड़ती है। ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एस.आर. नरसिम्हन ने कहा कि यह बदलाव देश में ग्रिड प्रबंधकों द्वारा राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तरों पर किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि नाम में परिवर्तन यह भी दर्शाता है कि हम कौन हैं और स्वच्छ ऊर्जा वितरण में हम किस तरह से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रबंध निदेशक ने कहा कि हम अपने व्यापक दृष्टिकोण यानी विश्वसनीय और लचीली बिजली प्रणालियों के लिए उत्कृष्टता का एक वैश्विक संस्थान बनने, कुशल ऊर्जा बाजारों को ऊपर ले जाने और नए जोश के साथ अर्थव्यवस्था तथा स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ ही आगे बढ़ रहे हैं।

"ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया)" नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) के साथ और पांच (5) क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (आरएलडीसी) को संचालित करता है। ग्रिड-इंडिया को ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख सुधारों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में भी नामित किया गया है। इसके प्रमुख कार्यों में हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस पोर्टल का कार्यान्वयन एवं संचालन, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) तंत्र, वितरण मूल्य निर्धारण, पारेषण में अल्पावधि की खुली पहुंच, विचलन निपटान तंत्र, विद्युत प्रणाली विकास कोष (पीएसडीएफ) आदि शामिल हैं।

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