यूपी सरकार और बिजली कर्मियों के बीच तनातनी जारी

बर्खास्तगी या गिरफ्तारी की गयी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल

यूपी सरकार और बिजली कर्मियों के बीच तनातनी जारी

लखनऊ,18 मार्च 2023-विद्युतकर्मियों की हड़ताल को लेकर सरकार और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच तनातनी का माहौल जारी है।दोनों पक्षों से चेतावनी का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रदेश के ऊर्जामंत्री एके शर्मा और संघर्ष समिति की प्रेसवार्ता से स्पष्ट हुआ है कि कोई पक्ष झुकने को तैयार नहीं है।इससे स्पष्ट है कि विद्युतकर्मियों की तय 72 घंटे की हड़ताल पूरा होने की संभावना है। जिसका सीधा असर प्रदेश की आम जनता पर पड़ेगा। कई औधोगिक क्षेत्रों में भी इसका असर पड़ने की संभावना है। ऊर्जा मंत्री के 4 घण्टे के अंदर काम पर वापस आने की चेतावनी का भी कोई असर नही दिखा है।

आईटीआई और इंजीनियरिंग पास अभ्यर्थियों की भर्ती की तैयारी वाले ऊर्जा मंत्री के बयान को भी संघर्ष समिति ने हास्यास्पद बताया है।खासकर हड़ताल को विफल बताने के बयान को भी वास्तविकता से दूर बताया है।ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रेसवार्ता में कहा कि हम बातचीत करने को तैयार हैं,लेकिन संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा है कि अभी वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जनता के हित मे हड़ताल नहीं है। 22 लोगो पर इसेंशियल सर्विस के तहत केस दर्ज हुआ है।जो अव्यवस्था कर रहे हैं उनपर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गये।6 कर्मियों के सस्पेंशन किया है।उनको लखनऊ के बाहर रखने का निर्देश दिया गया।1332 आउटसोर्सिंग कर्मियों को बर्खास्त किया गया है,जरूरत पड़ेगी तो हजारों लोगों को बर्खास्त करेंगे।कहा कि सभी जिलाधिकारी और कमिश्नर आउटसोर्सिंग कर्मियों की समीक्षा कर लें।

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ऊर्जा मंत्री की प्रेसवार्ता के कुछ देर बाद संघर्ष समिति ने भी प्रेसवार्ता कर कई चेतावनी दी।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। संघर्ष समिति ने कहा कि निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश एवं बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करने तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश के चलते टकराव और बढ़ गया है। बिजलीकर्मी शांतिपूर्वक 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं किन्तु उक्त दमनात्मक कदमों से यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तथा जेल भरो आन्दोलन में बदल सकती है। 

समिति ने कहा कि एस्मा के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।1332 गरीब संविदाकर्मियों को निकाल दिया गया है।उर्जामंत्री जले पर नमक छिड़कते हुए नए लोगो की भर्ती करने की बात कर रहे है।ऊर्जामंत्री हमसे बात नही, क्रूर मज़ाक कर रहे है।बिजलीकर्मियों ने कही कोई हिंसा या लाइन बाधित नही की है।सरकार चाहे तो इस मामले की जांच करा लें।जब हमारे बिजलीकर्मी गए ही नही तो किसके चलते बिजली उत्पादन बंद हुआ।हड़ताल को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई।शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि मुझ पर एसएलडीसी बंद कर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया है।ऊर्जामंत्री के साथ लिखित समझौते को ही उनके मातहत नही मनाने को तैयार नही है।ओबरा-अनपरा कोयले के खदान नही सोने की खदान है।विद्युतकर्मियों ने ओबरा-अनपरा परियोजनाओं की मांग कर कौन सा राष्ट्रविरोधी कार्य कर दिया है।ऊर्जा उत्पादन इकाइयों हमारी माँ के समान है, हम इनसे कभी छेड़छाड़ नही कर सकते।मात्र 8 हजार की पगार वाले संविदाकर्मियों पर कार्रवाई पूरी तरह गलत है।

कहा कि बिजली इकाइयों के बंद होने में विधुत संघर्ष समिति की कोई भूमिका नही है ।ऊर्जामंत्री एक तरफ वार्ता की बात कर रहे है, दूसरी तरफ एफआईआर करा रहे है।हम 72 घंटे बाद फिर हड़ताल खत्म कर कार्य पर वापस लौटेंगे।ऊर्जामंत्री के साथ हुए समझौते में सुधार पर हर माह प्रबंधन कर साथ बैठक करने की बात हुई थी।लेकिन बिजली प्रबंधन के एक बार भी सुधार के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक नही की।

 

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