ऊर्जा मंत्री का पलटवार,ऊर्जा निगमों में 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द

ऊर्जा मंत्री का पलटवार,ऊर्जा निगमों में 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द

लखनऊ,23 मार्च 2023-उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और ऊर्जा निगम के चेयरमैन एम देवराज के बीच मतभेद अब खुल कर सामने आने लगे हैं। पिछले काफी समय से ऊर्जा मंत्री के कई आदेशों के पालन में चेयरमैन द्वारा की जा रही हीलाहवाली के बाद अब ऊर्जा मंत्री ने भी पलटवार किया है।ऊर्जा मंत्री ने बिजली विभाग में 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। सभी निदेशकों की नियुक्ति जिस समिति ने किया था उसमे एम् देवराज भी शामिल थे। 

निदेशकों की नियुक्ति के समय से ही कई गंभीर आरोप लग रहे थे।उक्त नियुक्ति के लिए विगत 16 अक्टूबर 2022 को साक्षात्कार लिए गए थे। साक्षात्कार के लिए बुलाये गए उम्मीदवारों के चयन सहित कई मामलों की जांच के आदेश 18 अक्टूबर 2022 को ही ऊर्जा मंत्री ने दे दिए थे।  पिछले पांच महीने से इस मामले की जांच के परिणाम की प्रतीक्षा चल रही थी। अब विद्युतकर्मियों पर हुयी विभागीय कार्यवाही के 24  घंटे बाद ही ऊर्जा मंत्री द्वारा निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर उसमें गड़बड़ी की संभावना को पुख्ता किया है।

ऊर्जा मंत्री और चेयरमैन के बीच चल रहे मतभेद को विगत दिनों हुयी विद्युतकर्मियों की हड़ताल के लिए भी बड़ा कारण माना जा रहा है। 03 दिसंबर 2022 को विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और ऊर्जा मंत्री के बीच हुए समझौते के ज्यादातर बिंदुओं के निस्तारण में कथित उदासीनता ने प्रदेश को बड़े विधुत संकट में डाल दिया था। विद्युतकर्मियों के मात्र 72 घंटे के ही हड़ताल से उनकी ताकत का एहसास प्रदेश सरकार को हो गया। किसी तरह ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच हुयी वार्ता के कारण समय से पहले हड़ताल खत्म हो गयी।

ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल खत्म होने पर घोषणा की थी कि किसी भी विद्युतकर्मी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जायेगी। खासकर जिन विद्युतकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था उनपर मुकदमा वापसी के लिए ऊर्जा मंत्री ने चेयरमैन को निर्देशित किया था। लेकिन यहाँ भी ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के विपरीत विद्युतकर्मियों के खिलाफ निलंबन एवं तबादले की कार्यवाही शुरू कर दी गयी।जिसके कारण एक बार पुनः ऊर्जा मंत्री के प्रति विद्युतकर्मियों में अविश्वास की स्थिति पैदा हुयी।              

 ये है मामला 

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और उसकी सहयोगी वितरण कंपनियों में 14 निदेशकों की नियुक्ति के लिए 16 अक्टूबर 2022 को उच्चस्तरीय समिति ने उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था। 18 अक्टूबर 2022 को नियुक्ति प्रक्रिया की जांच के आदेश ऊर्जा मंत्री ने अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) को दिए थे।तब ऊर्जा मंत्री द्वारा कई बिंदुओं पर जांच की बात कही थी,जिससे नियुक्ति में कई गंभीर गड़बड़ी की आशंका सामने आने लगी थी। 

ऊर्जा मंत्री द्वारा कई अधिकारीयों को साक्षात्कार में नहीं बुलाने की जांच कराई थी। ऊर्जा मंत्री ने सवाल उठाया था कि कई अधिकारीयों को जानबूझकर साक्षात्कार में नहीं शामिल होने दिया गया। बहरहाल अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति के बाद नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है। मामले में किस पर गाज गिरेगी यह देखने लायक होगा।   

 

 

 

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