एनएचपीसी ने महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग के साथ किया समझौता

एनएचपीसी ने महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग के साथ किया समझौता

मुंबई-महाराष्ट्र राज्य में पंप स्टोरेज योजनाओं और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत परियोजनाओं के विकास के लिए एनएचपीसी लिमिटेड और महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

समझौता ज्ञापन में 7,350 मेगावाट की कुल क्षमता वाली चार पंप स्टोरेज परियोजनाओं के विकास की परिकल्पना की गई है जिनमें कालू - 1,150 मेगावाट, सावित्री - 2,250 मेगावाट, जालोंद - 2,400 मेगावाट और केंगाडी -1,550 मेगावाट शामिल हैं। समझौते के तहत राज्य में अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत परियोजनाओं को भी विकसित किया जाएगा।

समझौता ज्ञापन ऊर्जा स्टोरेज समाधान के रूप में पंप स्टोरेज परियोजनाओं का उपयोग करने पर जोर देता है ताकि ऊर्जा ट्रांजिशन के राष्ट्रीय उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिल सके, यानी 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा की 500 गीगावॉट की स्थापित क्षमता और 2070 तक नेट जीरो।

एनएचपीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक आर.के. विश्नोई ने राज्य में पंप स्टोरेज योजनाओं के विकास के लिए एनएचपीसी में भरोसा जताने के लिए महाराष्ट्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र राज्य में एनएचपीसी के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर करीब 44,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा और ये राज्य में 7,000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा।

महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर एनएचपीसी के निदेशक (परियोजनाएं), बिस्वजीत बसु और महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग की प्रधान सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर एनएचपीसी के स्वतंत्र निदेशक उदय एस. निर्गुडकर, एनएचपीसी के कार्यकारी निदेशक (एसबीडी एंड सी) रजत गुप्ता और दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

पंप स्टोरेज सिस्टम थर्मल पावर स्टेशनों या अन्य स्रोतों से उपलब्ध अधिशेष ग्रिड पावर का उपयोग निचले जलाशय से ऊपरी जलाशय तक पानी पंप करने के लिए करता है और बिजली की कमी होने पर चरम मांग के दौरान बिजली का पुनरुत्पादन करता है।

एनएचपीसी लिमिटेड भारत सरकार का एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है और भारत में सबसे बड़ा जलविद्युत विकास संगठन है जिसमें जल परियोजनाओं की अवधारणा से लेकर कमीशनिंग तक सभी गतिविधियों को करने की क्षमता है। एनएचपीसी ने सौर और पवन ऊर्जा विकास के क्षेत्र में भी विविधीकरण किया है। कंपनी को भारत और विदेशों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से इसके सभी आयामों में बिजली के एकीकृत और कुशल विकास की योजना बनाने, बढ़ावा देने और व्यवस्थित करने का अधिकार है। एनएचपीसी 2009 में अपने आईपीओ को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद एनएसई और बीएसई में एक सूचीबद्ध कंपनी है।

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