सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना पर बांध का निर्माण पूरा
अरुणाचल प्रदेश व असम में स्थित और एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही 2,000 मेगावाट की सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना को पूरा करने और एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त करने की दिशा में, सभी ब्लॉकों में शीर्ष ऊंचाई के स्तर (ईएल) 210 मीटर के उच्चतम स्तर तक बांध का निर्माण कार्य 29 जून, 2023 को पूरा हो गया है। [यहां ऊंचाई स्तर का मतलब समुद्र स्तर के संबंध में ऊंचाई से है।] केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने 31 मई, 2023 को परियोजना की प्रगति की समीक्षा की थी, जिसमें उस समय यह बताया गया था कि परियोजना ने बांध कंक्रीटिंग में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, जिसमें 14 ब्लॉकों ने 210 मीटर का उच्चतम स्तर प्राप्त कर लिया है और शेष दो ब्लॉक के जून 2023 तक पूरा होने की आशा है।
राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी) ने सूचित किया है कि परियोजना का 90 प्रतिशत से अधिक काम पहले ही पूरा हो चुका है। बांध, पावर हाउस और हाइड्रोमैकेनिकल वर्क्स सहित सभी प्रमुख घटकों का निर्माण कार्य तेजी से पूरा होने की दिशा में अग्रसर है।
रेडियल गेटों का बचा हुआ काम मानसून सीजन के बाद पूरा हो जाएगा और वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
पूरा होने पर, सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना से 90 प्रतिशत-डिपेन्डबल वर्ष में, लगभग 7,500 मिलियन किलोवाट-घंटे वार्षिक की दर से बिजली पैदा की जाएगी।
राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसीएल) ने 12 अक्टूबर 2004 को वन स्वीकृति प्राप्त करने के बाद जनवरी 2005 में सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया। हालांकि, स्थानीय हितधारकों के आंदोलन और विरोध के कारण, परियोजना का निर्माण कार्य दिसंबर 2011 से अक्टूबर 2019 तक रुका रहा। राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद 15 अक्टूबर, 2019 से इस परियोजना का कार्य फिर से शुरू किया गया था।