ओबरा डी का प्रबन्धन और कार्मिक उत्पादन निगम के रखे जाने की मांग
लखनऊ-विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने प्रदेश सरकार द्वारा ओबरा में 800 -800 मेगावाट क्षमता की दो नई सुपर क्रिटिकल इकाइयां स्थापित करने के प्रदेश सरकार के निर्णय को समय की महती आवश्यकता बताया है। संघर्ष समिति ने कहा है कि ओबरा विस्तार की परियोजना होने के कारण तकनीकी दृष्टि से इसका स्वामित्व उत्पादन निगम के पास होना चाहिए।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि संयुक्त उपक्रम में स्थापित की जाने वाली ओबरा डी परियोजना चूंकि ओबरा ताप विद्युत परियोजना का ही विस्तार है अतः ओबरा डी परियोजना का प्रबन्धन उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम को ही दिया जाए तथा ओबरा डी परियोजना में उत्पादन निगम के ही कार्मिक रखे जाएं जिससे समग्रता में ओबरा ताप विद्युत परियोजना का तकनीकी दृष्टि से सुचारू संचालन संभव हो सकेगा और प्रदेश को सस्ती बिजली मिल सकेगी।
संघर्ष समिति ने कहा है कि 50 - 50 प्रतिशत भागेदारी में लगने वाली परियोजना में पूरी भूमि ओबरा ताप विद्युत परियोजना की है अतः उत्पादन निगम की हिस्सेदारी स्वाभाविक तौर पर बढ़ जाती है। इस दृष्टि से भी ओबरा डी परियोजना का पूरा प्रबंधन और कार्मिक उत्पादन निगम के ही होने चाहिए।