10 वर्षों के अनवरत संघर्ष का परिणाम है नवनिर्मित रेणुका पुल
इंटक की बैठक में आन्दोलन की बनी रणनीति
सोनभद्र- राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के आदिवासी क्षेत्र एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली वाले मजदूर प्रतिनिधियों की बैठक ओबरा हाइड्रो इलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन कार्यालय पर जिला अध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का संचालन संगठन के महासचिव समीम अख्तर खान ने किया ।बैठक को संबोधित करते हुए इंटक के जिला अध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने कहा कि इंटक के विगत 10 वर्षों के अनवरत संघर्ष के पश्चात रेणुका नदी पार बसे लाखों आदिवासियों के विकास के लिए चकारी गांव में रेणुका नदी पर लगभग 74 करोड़ की लागत से पुल बनकर तैयार हो गया है। शीघ्र इसका उद्घाटन एवं पुल से आवागमन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।
बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने प्रसन्नता व्यक्त किया तथा उत्तर प्रदेश सरकार को बधाई दिया की पुल का निर्माण तीव्र गति से हुआ। सरकार इस पुल के निर्माण में पैसे की कमी आने नहीं दिया, जिसके कारण समय से पहले यह पुल बनकर तैयार हो गया। इससे आदिवासी क्षेत्र के विकास का दरवाजा खुल गया है । बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से इस पुल से आदिवासी क्षेत्र में आने जाने हेतु राबर्ट्सगंज से ओबरा, चकाड़ी, अरंगी, फफराकुड, खैराही, सेमरतर, मेड़रदह, खजुरा, डिबुलगंज होते हुए अनपरा तक तथा राबर्ट्सगंज से परसोई, हसरा होते हुए बेलगड़ी तक रोडवेज की बसें चलाए जाने की मांग की।साथ ही मांग किया कि मेड़रदह में संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटरमीडिएट मॉडल स्कूल में आदिवासी बच्चों को पढ़ने के लिए छात्रावास की व्यवस्था किए जाने ,खराब सड़कों की मरम्मत किए जाने जिससे एंबुलेंस की व्यवस्था आमजन तक पहुंच जाए। ग्राम पंचायत पनारी के कड़िया में रेलवे क्रॉसिंग दिए जाने ,ग्राम पंचायत कोटा सनायडंडी में लगभग 75 आदिवासी घरों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज तक सरकारी आवास, बिजली, पानी, शौचालय आदि सभी मूलभूत समस्याएं नहीं दी गई है उसे शीघ्र प्रदान कराए जाए। आदिवासियों को आने जाने हेतु खुलदिल रेलवे स्टेशन पर त्रिवेणी एक्सप्रेस व वाराणसी शक्तिनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस के ठहराव , जोगीडीह स्टेशन पर आदिवासियों के विकास हेतु आने जाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग तथा पूर्व में चल रही गढ़वा-चुनार-चोपन पैसेंजर को चलाए जाने की मांग की गई।
बैठक में खेद प्रकट किया गया कि वाणिज्यिक संस्थानों, दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों को परिचय पत्र ,इंश्योरेंस तथा साप्ताहिक बंदी अवकाश न दिए जाने पर संगठन ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। ग्राम पंचायत बेलछ की जनता द्वारा खेतों की सिंचाई के लिए विगत 10 वर्ष से केरवा बांध का निर्माण किए जाने की मांग चल रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।इस पर कार्यवाही किए जाने पंजीकृत मजदूरों के खाते में सरकार द्वारा पैसा अभी तक नहीं भेजा गया है। उनके खाते में पैसा डाले जाने की मांग पर प्रभावशाली ढंग से चर्चा किया गया।
बैठक में उपस्थित ग्राम पंचायत कुलडोमरी के पूर्व प्रधान पति समय लाल खरवार ने कहा आदिवासियों द्वारा पुश्तैनी जोत कोड़ की जमीन पर रोक लगाया जा रहा है। सरकार से मांग की है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आयोग आकर जांच करें, जिससे कि गरीब आदिवासियों को न्याय मिल सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि इन समस्याओं के समाधान हेतु शीघ्र ही जिलाधिकारी के यहां एवं प्रदेश सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा।अगर समस्याओं का निदान नहीं किया गया तो संघर्ष किया जाएगा।
बैठक में पूर्व प्रधान पति समय लाल खरवार, हरिशंकर गोड़, उत्तम कुमार मिश्रा ,कामरेड लालचंद, ओमप्रकाश तिवारी ,दूधनाथ खरवार ,कंपनी खरवार, मुन्ना खान, रामविलास दुबे ,भोला यादव, ईश्वर प्रसाद केसरी, राजेश देव पांडे, दीपक दीक्षित, पवन सोनी ,शंकर दयाल बैसवार, कृष्णानंद दुबे ,सुरेंद्र सिंह ,तोते सिंह खरवार, कंपनी खरवार, रमेश सिंह यादव, राजाराम भारती ,श्याम सुंदर शर्मा, अकमानी देवी, बसंती देवी, कौशल्या देवी ,सुमित्रा देवी ,मीना देवी, सुदामा देवी ,मुन्नी देवी, मोहन प्रसाद दुबे, स्वतंत्र साहनी, आदि ने अपना विचार व्यक्त किया ।