हड़ताल में निलंबित किए गए यूपी के बिजली कर्मियों की बहाली शुरू

हड़ताल में निलंबित किए गए यूपी के बिजली कर्मियों की बहाली शुरू

लखनऊ-बीते मार्च महीने में प्रदेश में हड़ताल के दौरान निलम्बित किए गए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के बिजली कर्मियों की बहाली कर दी गयी है।जिसके बाद पूरे प्रदेश में निलंबित चल रहे बिजली कर्मियों की बहाली के संकेत दिखने लगे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने बहाली का स्वागत करते हुए प्रदेश के मुखमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा के प्रति आभार प्रकट करते हुए बहाली हेतु पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डा आशीष गोयल और प्रबंधन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है। 

गौरतलब है कि विगत मार्च में बिजली कर्मियों ने 72 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी थी। लगभग 48 घंटे में ही पूरे प्रदेश में विधुत व्यवस्था चरमरा गयी थी। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के निवेदन पर बिजली कर्मियों ने 65 घंटे बाद हड़ताल समाप्त कर दी थी। हड़ताल समाप्त करने के दौरान ऊर्जा मंत्री ने घोषणा की थी कि जो भी दण्डात्मक कार्यवाही की गई है उन्हें वापस लिया जायेगा।लेकिन दर्जनों ट्रेड यूनियन के नेताओं को निलंबित करते हुए उन्हें दूसरे परियोजनाओं सहित अन्य जनपदों में भेज दिया गया था।इसके अलावा 650 से अधिक संविदा कर्मियों पर भी कार्यवाही की गई थी।अब मध्यांचल वितरण निगम में कुछ निलंबन वापसी ने बिजली कर्मियों के चेहरे पर खुशी लाई है।

सभी निलंबितों की बहाली की मांग 

संघर्ष समिति ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से यह निवेदन किया है कि आंदोलन के दौरान निलम्बित किए गए सभी बिजली कर्मचारियों और निष्कासित किए गए निविदा संविदा कर्मियों को तत्काल बहाल किया जाए जिससे बिजली व्यवस्था सुचारू बनाए रखने और सुधार में उनका योगदान लिया जा सके।

संघर्ष समिति ने कहा है की आंदोलन के दौरान निलंबित व निष्कासित बिजली कर्मी अपने अपने क्षेत्र में  बहुत अच्छा अनुभव रखते हैं और कार्य की दृष्टि से उनका योगदान बहुत मूल्यवान है । ऐसे में  सभी निलंबित बिजली कर्मचारियों को बहाल किया जाए और निष्कासित संविदा कर्मियों को पुनः सेवा में लेकर बिजली व्यवस्था बनाए रखने के कार्य में उनकी सेवाएं ली जाए।

संघर्ष समिति ने कहा है कि निलंबित निष्कासित बिजली कर्मचारियों पर किसी वित्तीय अनियमितता या कार्य में लापरवाही का कोई आरोप नहीं है। मात्र आंदोलन के कारण इन कर्मचारियों को निष्कासित किया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय  है कि आंदोलन वापसी के समय ऊर्जा मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर पावर कारपोरेशन के तत्कालीन चेयरमैन को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आंदोलन के दौरान निलंबित किए गए सभी कर्मचारियों का निलंबन वापस लेने एवं निष्कासित सभी निविदा संविदा कर्मचारियों को बहाल करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें ।Untitledggg

संघर्ष समिति के सभी प्रमुख पदाधिकारियों  ने  कहा है कि बिजली कर्मियों का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार बिजली व्यवस्था सुचारू बनाए रखना है जिससे जनता को कोई तकलीफ न हो। आज सभी बिजली कर्मी इसी उद्देश्य से दिन रात बिजली व्यवस्था बनाए रखने के कार्य में जुटे हैं। ऐसे में निलंबित और निष्कासित कर्मियों  को बहाल कर उनकी सेवा लेना प्रबंधन की प्राथमिकता होनी चाहिए ।

संघर्ष समिति आयोजित करेगी सुधार कार्यशाला
       

संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था में सुधार हेतु प्रदेश में पांच स्थानों मेरठ,आगरा,वाराणसी,केस्को और बरेली में कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन कार्यशालाओं के बाद राजधानी लखनऊ में 26 अक्टूबर को प्रांतीय स्तर की सुधार कार्यशाला आयोजित की जायेगी। प्रांतीय कार्यशाला के पूर्व मेरठ में 03 अक्टूबर, आगरा में 04 अक्टूबर ,वाराणसी में 10 अक्टूबर, केस्को में 12 अक्टूबर और बरेली में 13 अक्टूबर को कार्यशाला होगी जिसमें सम्बन्धित वितरण निगमों के बिजली कर्मी सम्मिलित होंगे।

      


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