रिहन्द जलाशय में पहुँच रहा 15 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी

रिहन्द जलाशय में पहुँच रहा 15 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी

नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्यप्रदेश में चल रही बारिश के कारण न्यूनतम जलस्तर की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के रिहन्द जलाशय के लिए अच्छी खबर है। मानसून सत्र खत्म होने के साथ ही देश में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने के लिए जलीय आधार बनने वाले रिहन्द जलाशय के लिए चिंता की स्थिति बन गयी थी। बीते 30 सितंबर तक रिहन्द का जलस्तर मात्र 849.6 फ़ीट तक ही पहुँच पाया था।  जो पिछले कुछ दशकों में सबसे कम है। 10 हजार मेगावाट से ज्यादा तापीय बिजली इस जलाशय के आस पास पैदा होती है। इसके अलावा यहाँ 399 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन भी होता है। इस जलाशय के लिए जल संग्रहण करने वाले जनपदों में मानसून सत्र के दौरान अपेक्षित बारिश नहीं होने के कारण जलस्तर अधिकतम से अभी भी 22 फ़ीट कम है। बहरहाल अब पिछ्ले तीन दिनों से जारी बारिश से उम्मीद है कि रिहन्द के जलस्तर में दो फ़ीट तक की वृद्धि हो सकती है।   

15 हजार क्यूसेक पानी पहुंच रहा 
 
रिहन्द के लिए जल संग्रहण करने वाले छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और सरगुजा,मध्यप्रदेश के सिंगरौली और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में पिछले दो दिनों में 360 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुयी है। इतनी बारिश के कारण रिहन्द में 15000 क्यूसेक से ज्यादा पानी पहुँच रहा है। खासकर सूरजपुर और सरगुजा में अच्छी बारिश के कारण रिहन्द नदी के जलस्तर में कुछ स्थानों पर तीन मीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है। सरगुजा जिले में मौजूद खर्रा में रिहन्द का जलस्तर बीते 24 घंटे में 397.5 मीटर से बढ़कर 400.6 मीटर पहुँच गया है। इसके अलावा सिंगरौली जिले में एक और दो अक्टूबर को 70 मिलीमीटर बारिश के कारण रिहन्द में आने वाली मायर(चाचर) नदी के जल स्तर में भी एक मीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके अलावा सोनभद्र जिले में भी एक और दो अक्टूबर को 100 मिली मीटर से ज्यादा बारिश हुई है। 

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