केंद्रीय जलविद्युत परियोजनाओं पर सिक्किम के तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के प्रभाव की समीक्षा

केंद्रीय जलविद्युत परियोजनाओं पर सिक्किम के तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के प्रभाव की समीक्षा

नई दिल्ली-विद्युत मंत्रालय सिक्किम के तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण पैदा हुई स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। सचिव (विद्युत) श्री पंकज अग्रवाल ने कल एनएचपीसी के साथ एक आपातकालीन बैठक की जिसमें विद्युत मंत्रालय और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

तीस्ता बेसिन में 3 और 4 अक्टूबर 2023 की मध्यरात्रि में अचानक आई बाढ़ के कारण तीस्ता V जलविद्युत स्टेशन से तारखोला/ पम्फोक तक के सभी पुल डूब गए अथवा बह गए। इससे इन इलाकों में आवागमन और संचार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। बाढ़ का पानी तीस्ता V जलविद्युत स्टेशन (510 मेगावॉट) के बांध के ऊपर तक पहुंच गया है। परियोजना स्थल के साथ-साथ आवासीय कॉलोनी के कुछ हिस्सों को जोड़ने वाली सभी सड़कें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। फिलहाल पावर स्टेशन बंद है और बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। एनएचपीसी ने अपनी सभी परियोजनाओं से लोगों को समय पर हटाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने की व्‍यवस्‍था की थी। मगर, तीस्ता V जलविद्युत स्टेशन से एक व्‍यक्ति के हताहत होने की सूचना है।

एनएचपीसी के निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना तीस्ता VI (500 मेगावॉट) का काम बाधित हो गया है। बाढ़ का पानी बिजली घर और ट्रांसफार्मर तक पहुंच चुका है। बैराज के साथ-साथ बिजली घर के दाएं और बाएं किनारों को जोड़ने वाले पुल भी बाढ़ की पानी में बह गए हैं। परियोजना स्थल पर काम कर रहे दो क्रेन ऑपरेटर लापता बताये जा रहे हैं। उनका पता लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

पश्चिम बंगाल के निचले इलाके में स्थित टीएलडीपी III (160 मेगावॉट) (तीस्ता लो डैम III जलविद्युत संयंत्र) और टीएलडीपी IV (132 मेगावॉट) विद्युत स्टेशनों में कोई बड़ी क्षति नहीं दिखी है। दोनों विद्युत स्टेशन सुरक्षित हैं लेकिन बाढ़ के पानी के साथ भारी गाद आने के कारण फिलहाल इन्हें बंद रखा गया है। इन दोनों परियोजनाओं से बिजली उत्पादन को जल्‍द से जल्‍द सुचारु करने के लिए एनएचपीसी लगातार कर रही है। इसके अलावा, रंगित घाटी में नुकसान की कोई सूचना नहीं है, जहां एनएचपीसी का रंगित IV विद्युत परियोजना (120 मेगावॉट) निर्माणाधीन है जबकि रंगित विद्युत स्टेशन (60 मेगावॉट) चालू है।

जल स्तर कम होने के बाद सभी परियोजना स्थलों पर हुए नुकसान का विस्तार से आकलन किया जाएगा। एनएचपीसी प्रभावित इलाकों में भोजन, दवा, बिजली आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए राज्य सरकार, आपदा प्रबंधन अधिकारियों और जिला प्रशासन की मदद से हर संभव प्रयास कर रही है।

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