रेल मंत्री ने ई-नीलामी की नीति और पोर्टल का शुभारंभ किया
अखिल भारतीय पात्रता संबंधी शर्तों का मानकीकरण किया गया
इस पोर्टल के माध्यम से भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता केवल एक बार पंजीकरण कर भारतीय रेलवे की किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग ले सकता है
नई दिल्ली-भारतीय रेलवे ने स्क्रैप बिक्री की प्रचलित ई-नीलामी के अनुरूप भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली के रेल भवन में वाणिज्यिक आय, गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) अनुबंधों के लिए ई-नीलामी का शुभारंभ किया। इससे न केवल रेलवे की कमाई बढ़ेगी बल्कि कारोबार सुगमता के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा।
इस अवसर पर रेल मंत्री ने कहा, “यह नीति प्रौद्योगिकी के उपयोग से आम आदमी के अनुभव को बदलने के लिए माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप है। इस नई नीति के साथ, निविदा की कठिन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। साथ ही, यह युवाओं को ई-नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगा। यह नीति जीवन की सुगमता को बढ़ाती है, पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और रेलवे में डिजिटल इंडिया की पहल को शामिल करती है।"
अर्निंग एसेट्स: पार्सल वैन, पे एंड यूज टॉयलेट, स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया और कोचों पर विज्ञापन संबंधी अधिकार, एसी वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, पार्किंग लॉट, प्लास्टिक बॉटल क्रशर, एटीएम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, मांग पर आधारित कंटेंट के लिए वीडियो स्क्रीन आदि, इन परिसंपत्तियों को पोर्टल में स्थान अनुसार मैप किया जाएगा, और सिस्टम हमेशा ख्याल रखेगा कि यह कमाई के लिए शामिल किया गया है या नहीं। इससे रियल टाइम आधार पर परिसंपत्तियों की निगरानी में सुधार होगा और परिसंपत्ति संबंधी व्यर्थता में कम होगी।
वर्तमान प्रणाली: वर्तमान ई-निविदा में भाग लेने के लिए संबंधित फील्ड यूनिट के साथ भौतिक रूप से पंजीकरण की आवश्यकता होती है। इससे शेष भारत के संभावित बोलीदाताओं के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता है। निविदा समिति के सदस्यों की वास्तविक बैठक की आवश्यकता के कारण इसे अंतिम रूप देने में समय लगता है।
ई-नीलामी: इस पोर्टल के माध्यम से भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता केवल एक बार पंजीकरण कर भारतीय रेलवे की किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग ले सकता है। इलेक्ट्रॉनिक रूप से बयाना राशि (ईएमडी) जमा करने के बाद किसी परिसंपत्ति के प्रबंधन अधिकारों के लिए दूरस्थ रूप से बोली लगाई जा सकती है। सफल बोलीदाता बहुत कम समय में ऑनलाइन और ई-मेल के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। वित्तीय कारोबार की आवश्यकता को छोड़कर, सभी पात्रता संबंधी मानदंड हटा दिए गए हैं। इसके अलावा, वित्तीय आवश्यकता को काफी हद तक नरम कर दिया गया है। 40 लाख रुपये तक के वार्षिक अनुबंधों के लिए कोई वित्तीय कारोबार की आवश्यकता नहीं है।
पायलट रन: 9 जोनों के 11 डिवीजनों में पायलट लॉन्च किया गया था: पायलट लॉन्च के दौरान 128 करोड़ रुपये के कुल मूल्य के कुल 80 अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया था।