एसजेवीएन ने नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की द्वितीय इकाई को राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज़ किया

एसजेवीएन ने नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की द्वितीय इकाई को राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज़ किया

नई दिल्ली-एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन ने 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना (एनएमएचईपी) की द्वितीय इकाई को राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक सिंक्रोनाइज़ कर लिया है।  एनएमएचईपी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुना नदी की एक प्रमुख सहायक नदी टोंस पर अवस्थित है।  परियोजना में प्रत्‍येक 30 मेगावाट की दो उत्‍पादन इकाइयां हैं और प्रथम इकाई इस माह की 24 तारीख से व्यावसायिक विद्युत उत्पादन कर रही है। 

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्रीश्री आर.के. सिंह और उत्तराखंड के पूर्व माननीय मुख्यमंत्रीश्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2018 में एसजेवीएन के एनएमएचईपी की आधारशिला रखी थी। 

श्री शर्मा ने कहा कि निर्माण अवधि में महामारी का कठिन समय शामिल था जिसने परियोजना के विकास के लगभग हर पहलू को प्रभावित कियातथापि हमारे समर्पण एवं कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप भौगोलिक रूप से अप्रत्याशित और दुर्गम हिमालयी परिस्थितियों में केवल पांच वर्षों में परियोजना को पूरा किया गया। परियोजना निर्माण में 5.6 मीटर व्यास वाली 4.33 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल की खुदाई तथा लाइनिंग शामिल थी।’’ 

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि एनएमएचईपी प्रत्‍येक 30 मेगावाट की दो उत्पादन इकाइयों वाली रन ऑफ द रिवर परियोजना है।  इस परियोजना से 265.5 मिलियन यूनिट का वार्षिक विद्युत उत्‍पादन होगा। एसजेवीएन ने नैटवाड़ मोरी एचईपी से विद्युत की निकासी के लिए बैनोल से स्नेल तक 37 कि.मी. 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया है। 

परियोजना की कमीशनिंग के पश्‍चातउत्तराखंड राज्य को रॉयल्टी के रूप में 12% नि:शुल्‍क विद्युत की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावाप्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को दस वर्षों तक प्रति माह 100 यूनिट विद्युत की लागत के बराबर राशि प्रदान की जाएगी।  परियोजना से संरचनात्‍मक विकास तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र विकास के युग का आरंभ होगा।

उत्‍कृष्‍ट प्रगति पथ पर चलते हुएएसजेवीएनएक अग्रणी विद्युत सीपीएसयूभारत सरकार के ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान करने के लिए समर्पित है।  कंपनी ने वर्ष 2026 तक 12,000 मेगावाट का मिशन तथा वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता का साझा विजन निर्धारित किया है।

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