रेल लाइनों से परेशान आदिवासियों का आन्दोलन शुरू

सबसे कमाऊ धनबाद रेलवे मंडल की हैं रेल लाइनें

रेल लाइनों से परेशान आदिवासियों का आन्दोलन शुरू

सोनभद्र- चोपन विकासखंड के बड़े हिस्से में रेलवे लाइनों के कारण हो रही दिक्कतों के खिलाफ आदिवासियों का चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो गया है।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आदिवासी विकास मंच के तत्वाधान में सैकड़ों आदिवासियों ने फफराकुंड रेलवे स्टेशन पर जोरदार प्रदर्शन किया।आसपास के दर्जनों टोलों से पहुंचे आदिवासियों ने रेलवे क्रॉसिंग, अंडरपास की मांग सहित रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।  इस दौरान स्टेशन मास्टर एसबी पांडेय को महाप्रबंधक एवं मण्डल रेल प्रबंधक पूर्व मध्य रेलवे के नाम ज्ञापन सौंपा गया। आंदोलन को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद रहे।

 

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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयोजक हरदेव नारायण तिवारी ने स्टेशन पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सबसे व्यस्त मालवाहक रेल मार्गों में एक रेनुकूट-चोपन-सिंगरौली रेलमार्ग चोपन विकास खंड के बड़े हिस्से के लिए दुखदायी साबित हो रहा है। इस रेलमार्ग की वजह से रेणुका पार सहित च्चोपन विकासखंड की बहुत बड़ी आबादी देश दुनिया से कटी हुयी है। रेणुका पार के 25 किलोमीटर से ज्यादा लंबे क्षेत्र से गुजरने वाले इस मार्ग पर रेलवे ने एक भी क्रासिंग या अंडर पास नहीं बनाया है।जिसके कारण इतनी दूरी तक वाहनों के गुजरने की कोई व्यवस्था नहीं है।कहा कि अगर जल्द सकारात्मक आदेश नहीं आया तो ट्रेन को रोकने का भी काम होगा।

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वरिष्ट सह संयोजक कामरेड लालचंद ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी इस क्षेत्र में आवागमन की व्यवस्था अपेक्षित नही हो पायी है। सह संयोजक बृजेश तिवारी ने रेलवे प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर तत्काल अंडरपास का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो आदिवासी रेल रोकने का भी काम करेंगे। अपील किया कि अब आर पार के संघर्ष के लिए सभी ग्रामीण तैयार हो जाएँ।
 सह संयोजक प्रभात पाण्डेय ने कहा कि कोई भी सरकार रही हो लेकिन आअदिवसियोन का कोई भी सुनने वाला नहीं है। सभा की अध्यक्षता कर रहे पनारी के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लक्ष्मण यादव ने कहा कि रेल प्रशासन होश में आ जाए नहीं तो यहाँ के युवा जब आन्दोलन में शामिल होंगे तो रेल संचालन प्रभावित हो जाएगा।
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सभा को राम विलास दूबे,शमीम अख्तर खाँ,भोला यादव,शिव प्रसाद खरवार,सतेंद्र भारती,राजाराम भारती,बसंती देवी,अकमानी देवी,गुलाब खरवार, उदित नारायण खरवार,जयदीप प्रजापति, जितेंद्र खरवार,जितेन्द्र गोड आदि ने संबोधित किया। सभा का संचालन रामचंद्र गोड ने किया।

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