राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 600 करोड़ रुपये का परिव्यय
नई दिल्ली-नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 जनवरी,2023 को 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी। मिशन का व्यापक उद्देश्य 2030 तक हरित हाइड्रोजन के 5 एमएमटी प्रति वर्ष उत्पादन को लक्ष्य बनाकर भारत को हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन में विभिन्न मदों के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 600 करोड़ रुपये का परिव्यय है।
2030 तक परिकल्पित हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता से हरित हाइड्रोजन उद्योग में कुल निवेश से 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलने की संभावना है। इस निवेश से 2030 तक 6,00,000 रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
हरित हाइड्रोजन में उर्वरक उत्पादन, पेट्रोलियम शोधन, आवाजाही का क्षेत्र, इस्पात उत्पादन और शिपिंग प्रोपल्शन का इस्तेमाल सहित विभिन्न क्षेत्रों में आयातित जीवाश्म ईंधन के उपयोग को प्रतिस्थापित करने की क्षमता है।
मिशन से 2030 तक कुल 1 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन आयात में कमी आने की उम्मीद है।