आरईसीपीडीसीएल ने अपना 16वाँ स्थापना दिवस मनाया

आरईसीपीडीसीएल ने अपना 16वाँ स्थापना दिवस मनाया

नई दिल्ली-आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने 12 जुलाई को अपना 16वाँ स्थापना दिवस मनाया। विद्युत क्षेत्र में, विशेष रूप से पारेषण और वितरण क्षेत्र के सप्लाई चेन की नई-नई जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य विद्युत संस्थाओं को अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से सहयोग करने के उद्देश्य से आरईसीपीडीसीएल की स्थापना 12 जुलाई 2007 को की गई थी। आरईसीपीडीसीएल और इसकी ट्रांसमिशन यूनिट आरईसीटीपीसीएल के विलय के बाद से कंपनी का लक्ष्य देश में विद्युत क्षेत्र की प्रगति में और बड़ी भूमिका निभाना है। 5 लाख रूपए की शुरुआती पूंजी से, आज कंपनी की नेट वर्थ बढ़कर लगभग 329 करोड़ रूपए हो गई है।

देश में बिजली परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आरईसीपीडीसीएल प्रमुख भूमिका निभा रही है। इसने पहले ही चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में 1 लाख से अधिक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा कर लिया लिया है और इसे अन्य राज्यों से लगभग 1.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए वर्क ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली परियोजना के तहत आरईसीपीडीसीएल द्वारा 47000 करोड़ रुपये के 38 अंतरराज्यीय स्पेशल पर्पज वाइकल्स का हस्तांतरण किया जा चुका है और 15800 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं के लिए अग्रिम बोली प्रक्रिया का काम चल रहा है। इसके अलावा, आरईसीपीडीसीएल द्वारा राष्ट्रीय महत्व की कई परियोजनाओं जैसे कि ग्रामीण फीडर मॉनीटरिंग सिस्टम, नेशनल फीडर मॉनिटरिंग सिस्टम, ऊर्जा मित्र और बिजली कंपनियों के लिए यूनिफाइड बिलिंग सॉल्यूशन पर काम किया जा रहा है। इस प्रकार,  अपने व्यापक परामर्श और निष्पादन व्यवसाय के माध्यम से आरईसीपीडीसीएल पूरे देश में कार्यरत है।

स्थापना दिवस समारोह में माननीय विद्युत एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल और सचिव (विद्युत) आलोक कुमार की उपस्थिति रही। समारोह में विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी - आशीष उपाध्याय - अपर सचिव और विशाल कपूर - संयुक्त सचिव (वितरण) तथा विवेक कुमार देवांगन - अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आरईसी लिमिटेड भी उपस्थित थे।

स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर, आरईसीपीडीसीएल द्वारा अपने कार्मिकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया। आरईसीपीडीसीएल में इनके योगदान के लिए मंत्री द्वारा कलाकारों एवं कार्मिकों को पुरस्कृत किया गया।

 

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