एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत 77 करोड़ से अधिक पोर्टेबल लेनदेन

एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत 77 करोड़ से अधिक पोर्टेबल लेनदेन

 खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग "वन नेशन वन राशन कार्ड" (ओएनओआरसी) योजना की सफलता का उत्सव मनाने के लिए सप्ताह भर की गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना को 9 अगस्त, 2019 को चार राज्यों में एक प्रायोगिक परियोजना के तौर पर शुरू किया गया था।

ओएनओआरसी प्रौद्योगिकी से संचालित एक योजना है और इसे केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिए लागू किया गया है। वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली एनएफएसए से लाभान्वित होने वाले सभी लोगों विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के साथ उनके मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने अधिकार के खाद्यान्न के पूर्ण या आंशिक हिस्से को प्राप्त करने की अनुमति देती है। यह योजना परिवार के सदस्यों को घर वापस आने पर, यदि कोई हो तो, उसी राशन कार्ड पर शेष खाद्यान्न पाने का दावा करने की अनुमति देती है।

9 अगस्त, 2019 को इस योजना की शुरुआत के बाद से बहुत ही कम समय में अब इसे देश भर के सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है। असम, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में शामिल होने वाला अंतिम राज्य है। यह जून 2022 में इस प्रणाली से जुड़ा था और इस तरह से योजना को अखिल भारतीय स्तर पर लागू किया जा चुका है। खाद्य सुरक्षा अब पूरे देश में पोर्टेबल है। यह योजना देश में अपनी तरह की एक विशेष नागरिक केंद्रित पहल है। वर्तमान में, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना करीब-करीब सभी (~80 करोड़) एनएफएसए लाभार्थियों (लगभग पूरी एनएफएसए आबादी) को कवर करती है। इसके अलावा, इस योजना के तहत प्रति माह औसतन लगभग 3 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं।

लाभार्थी केंद्रित इस उच्च प्रभाव वाले खाद्य कार्यक्रम का उद्देश्य सभी एनएफएसए लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर होने के उद्देश्य से सशक्त बनाना है। यह योजना कोविड-19 महामारी के दौरान, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों और प्रत्येक एनएफएसए लाभार्थी के लिए एक फायदेमंद मूल्य वर्धित सेवा साबित हुई है। ओएनओआरसी ने लाभार्थियों को लॉकडाउन/संकट की अवधि के दौरान किसी भी स्थान से पूरी सुविधा के साथ रियायती खाद्यान्न का लाभ उठाने की सहायता प्रदान की है। योजना की शुरुआत के बाद से (अगस्त 2019 में), ओएनओआरसी के तहत लगभग 77.88 करोड़ पोर्टेबल लेनदेन दर्ज किये गए हैं।

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