कैट ने पांच वर्षों में 91 प्रतिशत की दर से मामले निपटाए

कैट ने पांच वर्षों में 91 प्रतिशत की दर से मामले निपटाए

नई दिल्ली,6 अगस्त 2022- केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में, केन्‍द्रीय  प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) ने तीन वर्षों में लगभग 91 प्रतिशत की दर से मामलों का निपटारा किया और मामलों के निपटारे में लगातार वृद्धि जारी है।

कैट के नवनियुक्त अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजीत वसंतराव मोरे ने डॉ. जितेन्‍द्र सिंह से मुलाकात की और मामलों को लंबित रखने का लगभग शून्य स्‍तर बनाए रखने की प्रधानमंत्री की आज्ञा के तौर-तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, मोदी सरकार पारदर्शिता और "सभी के लिए न्याय" के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों के अनुकूल पिछले आठ वर्षों में किए गए मैत्रीपूर्ण सुधारों से पूरे देश को लाभ हुआ है।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्‍व में 2015 से 2019 तक 91 प्रतिशत से अधिक की दर से मामलों का निपटारा किया गया, जबकि यूपीए शासन के दौरान 2010 से 2014 तक यह लगभग 89 प्रतिशत था। उन्‍होंने केन्‍द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी के स्पष्टीकरण का भी उल्लेख किया कि सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका के लंबित होने के कारण सदस्यों की नियुक्ति में देरी के बावजूद 2020 में, न्यायाधिकरण ने 104 प्रतिशत की निपटान दर दर्ज की।

मंत्री ने बताया कि कोविड के गंभीर प्रभावों के बावजूद, कैट की बेंचों ने ऑनलाइन तंत्र के माध्यम से मामलों को निपटाने की पूरी कोशिश की। 2020 और 2021 में महामारी की स्थिति के दौरान, कुल 55,567 मामले स्थापित किए गए। प्रतिकूल स्थिति के बावजूद, 54 के निपटान प्रतिशत के साथ लगभग 30,011 मामले निपटाए गए। 2021 में निपटान दर 58.6 प्रतिशत थी और यह इस तथ्य के बावजूद कि जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के लगभग 18,845 पुराने लंबित मामलों को कैट की जम्मू बेंच को हस्‍तांतरित कर दिया गया था।

 

Related Posts

Latest News

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना 10 लाख से अधिक इंस्टालेशन की ओर पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना 10 लाख से अधिक इंस्टालेशन की ओर
पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई) दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर योजना भारत के सौर ऊर्जा परिदृश्य...
2031-32 तक चरम मांग और ऊर्जा आवश्यकता लगभग 366 गीगावॉट और 2474 बीयू होगी
निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की सुगबुगाहट
जल विद्युत क्षमता के दोहन से भारत की ऊर्जा जरूरतों को लगेगा पंख
निजीकरण की आड़ में छुपा है एक निजी कंपनी का बड़ा खेल ?
उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में 06 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
यूपी सरकार ने बिजलीकर्मियों की संभावित हड़ताल से निपटने की रणनीति बनाई
कौड़ियों के मोल बिजली विभाग की अरबों-खरबों की परिसम्पत्तियाँ बेचने की चल रही साजिश
हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट पारेषण से कम होगा लाइन लॉस
2029-30 तक 1.5 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य