2024-25 तक मछली उत्‍पादन बढ़ाकर 220 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य

 2024-25 तक मछली उत्‍पादन बढ़ाकर 220 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य

नई दिल्ली,18 अगस्त 2022- मत्स्य पालन प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में एक सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। यह क्षेत्र देश के आर्थिक और समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसे "सूर्योदय क्षेत्र" भी कहा जाता है। यह एक समान और समावेशी विकास के माध्यम से अपार संभावना लाने वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र को 14.5 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करने और देश के 28 मिलियन मछुआरा समुदाय के लिए सतत् आजीविका प्रदान करने के लिए एक शक्तिशाली इंजन के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस प्रकार, यह क्षेत्र देश के युवा उद्यमियों से यह अनुरोध करता है कि वे आगे आएं और अपने तकनीकी उपायों और नवाचारी समाधानों के माध्‍यम से जमीनी चुनौतियों को हल करें।

इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के लिए 'नीली क्रांति' लाने हेतु 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)' के साथ आगे आया। इस योजना का लक्ष्‍य नौ प्रतिशत औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2024-25 तक मछली उत्‍पादन बढ़ाकर 220 लाख मीट्रिक टन करने का है। महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य निर्यात आय को दोगुना करके 1,00,000 करोड़ रुपये करना और अगले पांच वर्षों की अवधि में मत्स्य क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है।

मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता को अनुभव करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड एक सांविधिक निकाय है। इसने इजराइली प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत, गहन, ‘ऑल मेल तिलपिया एक्‍वाकल्‍चर प्रोजेक्‍ट' के लिए मेसर्स फाउंटेनहेड एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड, नवी मुंबई, महाराष्ट्र का समर्थन किया है। बोर्ड ने इस कंपनी को 29.78 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत में से 8.42 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान करने के लिए एक आपसी समझौते पर हस्‍ताक्षर किये हैं।

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