इस्पात क्षेत्र के लिए वर्ष 2030 के लिए लक्षित क्षमता 300 मीट्रिक टन

 इस्पात क्षेत्र के लिए वर्ष 2030 के लिए लक्षित क्षमता 300 मीट्रिक टन

नई दिल्ली,24 अगस्त 2022-केंद्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने आज कहा कि खनिज और धातु क्षेत्र ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह भारत को विकासशील से विकसित देश में बदल देगा। भारतीय खनिज और धातु उद्योग पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन - 2030 की ओर प्रगति और विजन 2047 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि देश की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें निर्यात भी करने के लिए खनिजों और धातुओं के उत्पादन की अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र को अधिक नवीन, प्रतिस्पर्धी और अनुसंधान के अनुकूल होना चाहिए। 

श्री कुलस्ते ने यह भी कहा कि प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उनका अधिकतम संभव उपयोग विकास की दिशा में हमारी यात्रा के प्रमुख कारक होंगे। उन्होंने कहा कि देश में हर क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए इस्पात क्षेत्र एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। मंत्री महोदय ने कहा कि इस्पात मंत्रालय ने इस क्षेत्र के व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन-पीएलआई योजना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं।

सत्र को संबोधित करते हुए, इस्पात मंत्रालय के सचिव श्री संजय सिंह ने प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार हरित इस्पात के उपयोग की दिशा में बढ़ने के लिए इस्पात क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी करने पर बल दिया। श्री सिंह ने कहा कि इस्पात क्षेत्र के लिए वर्ष 2030 के लिए लक्षित क्षमता 300 मीट्रिक टन के साथ-साथ वर्ष 2047 के लिए लक्षित क्षमता 500 मीट्रिक टन आंकी गई है। श्री संजय सिंह ने कहा कि यह लक्षित क्षमता एक उचित कार्य योजना के साथ प्राप्त की जाएगी। इस्पात सचिव ज़ोर देकर कहा कि इसका मतलब यह होगा कि अनुमानित लौह अयस्क के भंडार को संसाधनों में बदलना होगा क्योंकि यह वांछित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आदर्श होगा।

संयुक्त सचिव (नीति आयोग) कुंदन कुमार ने कहा कि खनिज और धातु क्षेत्र ने देश के औद्योगिक विकास के साथ-साथ ढांचागत विकास में भी एक प्रमुख भूमिका निभाई है। श्री कुंदन कुमार ने उद्योग जगत से खनिज और खान क्षेत्र के लिए एक व्यापक और विस्तृत कार्यक्रम तैयार करने और आवश्यक कार्रवाई के लिए सभी हितधारकों को प्रस्तुत करने का आग्रह किया ताकि भारतीय खानों और खनिज क्षेत्र के विकास और विस्तार तथा विविधीकरण के लिए आवश्यक नीति बनाई जा सके।

राष्ट्रीय खनिज विकास निगम-एनएमडीसी लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक, सुमित देब ने समापन सत्र की अध्यक्षता की। श्री देब ने प्रतिभागियों और नीति निर्माताओं से इस क्षेत्र को अपना समर्थन देने का आह्वान किया ताकि यह अपने व्यापक और विस्तृत विकास के लिए आवश्यकता के अनुसार परिचालित और कार्यात्मक हो क्योंकि क्षेत्र में लगभग 2 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इसके योगदान में काफी वृद्धि हो सकती है।

दो दिवसीय सम्मेलन में भारत में खनिज और धातु क्षेत्र के लिए उद्योग दृष्टिकोण 2047 पर बहुत ही सकारात्मक चर्चा और प्रासंगिक सत्र थे, जिसका आयोजन राष्ट्रीय खनिज विकास निगम द्वारा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ-फिक्की के सहयोग से किया गया था।

Latest News

 कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता अगले दो दशक तक बनी रहेगी कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता अगले दो दशक तक बनी रहेगी
नई दिल्ली- बिजली की बढती मांग को देखते हुए घरेलू कोयले पर आधारित बिजली परियोजनाओं में कोयले के स्टाक में...
चुंबकीय पदार्थों में एमपेम्बा प्रभाव की खोज
ऊर्जा भंडारण में नई क्रांति:मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क-आधारित सुपरकैपेसिटर
1.35 लाख क्यूसेक पानी पहुँचने पर बाणसागर बांध के तीन फाटक खोले गये
हालात खराब हों, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं- पीएम मोदी 
अत्याधुनिक स्वदेशी अंडरवाटर सेंसर से लैस हैं 'मालपे' और 'मुलकी'
आईआईएफटी ने रचा इतिहास,नेटवर्किंग में ग्लोबल नंबर 1
भारत के नवदीप ने भाला फेंक में रचा इतिहास
नवदीप,सिमरन और गवित दिलीप पर है स्वर्ण पदक लाने का दबाव
प्रवीण कुमार ने पुरुष हाई जम्प में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक