देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला बना एमपी का बुरहानपुर

 देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला बना एमपी का बुरहानपुर

मध्य प्रदेश में 'दक्षिण का दरवाजा' के नाम से मशहूर बुरहानपुर जिला देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला बन गया है। बुरहानपुर देश का एकमात्र जिला है जहां 254 गांवों में से प्रत्येक गांव के लोगों ने ग्राम सभाओं द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को 'हर घर जल' घोषित किया है, जो यह प्रमाणित करता है कि गांवों में सभी लोगों को नल से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है, यह सुनिश्चित करता है कि 'कोई भी छूटा नहीं है'

जल जीवन मिशन के 15 अगस्त 2019 को शुभारंभ के समय बुरहानपुर में कुल 1,01,905 घरों में से केवल 37,241 ग्रामीण परिवारों (36.54 प्रतिशत) के पास नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य जल था। कोविड-19 महामारी के कारण विभिन्न बाधाओं और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पंचायत प्रतिनिधियों, पानी समितियों और बुरहानपुर के जिला अधिकारियों के निरंतर प्रयासों से 34 महीनों की अवधि के भीतर इसके सभी 1,01,905 ग्रामीण घरों में नल के पानी के चालू कनेक्शन का प्रावधान किया गया। घरों के साथ-साथ सभी 640 स्‍कूलों, 547 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों और 440 अन्‍य सार्वजनिक संस्थानों में भी नल कनेक्‍शन हैं। 440 सार्वजनिक संस्थानों में 167 ग्राम पंचायत, 50 स्वास्थ्य केन्‍द्र, 109 सामुदायिक केन्‍द्र, 45 आश्रमशालाएं, 2 सामुदायिक शौचालय और 67 अन्य सरकारी कार्यालय शामिल हैं। 

जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया है जिसके अनुसार सबसे पहले फील्ड इंजीनियर ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के पूरा होने के संबंध में एक प्रमाणपत्र प्रस्तुत करता है। गाँव इस बात की पुष्टि करते हैं कि हर घर में निर्धारित गुणवत्ता के पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और गांव में वितरण पाइपलाइन से कोई रिसाव नहीं हो रहा है, और पानी की पाइप लाइन डालने के लिए खोदी गई सभी सड़कों को जलापूर्ति कार्य पूरा होने पर बहाल कर दिया गया है। 

सभी 254 गांवों में ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) का गठन किया गया है। वीडब्ल्यूएससी 'हर घर जल' कार्यक्रम के तहत विकसित जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के संचालन, रखरखाव और मरम्मत के लिए जिम्मेदार है। यह उप-समिति है जिसके पास उपयोगकर्ता शुल्क जमा करने की जिम्मेदारी है जिसे बैंक खाते में जमा किया जाएगा और इसका उपयोग पंप ऑपरेटर के वेतन का भुगतान करने और समय-समय पर मामूली मरम्मत कार्य करने के लिए किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" की परिकल्‍पना के बाद, तीन राज्यों - गोवा, तेलंगाना और हरियाणा तथा तीन केन्‍द्र शासित प्रदेशों – अंडमान और निकोबार द्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव तथा पुडुचेरी ने शत प्रतिशत नल के पानी का कवरेज प्रदान किया। 

Related Posts

Latest News

रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई रिकॉर्ड समय में चालू की गई अनपरा की 500 मेगावाट की छठवीं इकाई
सोनभद्र-अनपरा बिजलीघर की पांच सौ मेगावाट क्षमता की जनरेटर में तकनीकी खराबी आने से बीते 10 नवंबर को बंद हुई...
वितरण सुधारों को प्रोत्साहित करने के नाम पर निजीकरण स्वीकार्य नहीं है
अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में असमर्थ
मंत्री समूह गठन के बाद उप्र में बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया जाय वापस
प्रयागराज में दो फरवरी तक कोई आंदोलन नहीं होगा
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में बिजली कर्मियों ने बनाया नया इतिहास!
खुर्जा सुपर ताप विद्युत संयंत्र की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने शक्तिभवन घेरा
आईआरईडीए कार्यालय का दौरा कर एमएनआरई सचिव ने की समीक्षा
बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान