जिन्हे देख कर ही दर्शकों को आ जाए हंसी

जिन्हे देख कर ही दर्शकों को आ जाए हंसी

हिंदी सिनेमा के कॉमेंडी किंग कहे जाने वाले असित सेन का निधन 18 सितम्बर, 1993 को हुआ था। उनका जन्म 13 मई, 1917 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने चार दशक तक बॉलीवुड पर चरित्र अभिनेता और हास्य कलाकार के रूप में अपनी खास पहचान बनाकर दर्शकों को अपनी अदाओं से लोट-पोट होने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने 200 से अधिक बॉलीवुड फ़िल्मों में हास्य और चरित्र अभिनेता का किरदार निभाकर अपने अभिनय की अलग पहचान बनाई। 

असित सेन ने 200 से अधिक फ़िल्मों में काम किया। जिसमें उनकी 1963 में बनी फ़िल्म 'चांद और सूरज', 1965 में 'भूत बंगला', 1967 में 'नौनिहाल', 1968 में 'ब्रह्मचारी', 1969 में 'यकीन और आराधना', 'प्यार का मौसम', 1970 में 'पूरब और पश्चिम', 'दुश्मन', 'मझली दीदी', 'बुड्ढा मिल गया' जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया। 1971 में 'मेरा गांव मेरा देश', 'आनंद', 'दूर का राही', 'अमर प्रेम' जैसी यादगार फ़िल्मों में अभिनय किया। 1972 में 'बॉन्बे टू गोवा', 'बालिका वधू', 1976 में 'बजरंग बली', 1977 में 'आनंद' आश्रम सहित 200 से अधिक फ़िल्मों में अपने हास्य अभिनय और चरित्र किरदार का लोहा मनवाया।

साभार-भारत डिस्कवरी 

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